खर्च के चलते उपभोक्ता नहीं दिखा रहे रुचि
अभी स्थिति यह है कि राज्य की तीनों बिजली कंपनियों में पीएम सूर्यघर योजना के तहत तीन किलोवाट क्षमता के रूफटॉप लगाए जा रहे हैं, लेकिन सब्सिडी मिलने पर भी खर्च को देखते हुए उपभोक्ता योजना के तहत रूफटॉप लगाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। ऐसे में पीएम सूर्य घर योजना के तहत लक्ष्य पूरे नहीं हो पा रहे हैं।पीएम सूर्य घर योजना लक्ष्य से दूर, जयपुर में 21 हजार रूफटॉप कनेक्शन हो पाए जारी
उपभोक्ता को मिलेगी सस्ती बिजली
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार रेस्को मॉडल के तहत वेंडर के बीच करार होगा। जिसके तहत वेंडर की ओर से छत पर रूफटॉप लगाने पर उपभोक्ता को सस्ती बिजली मिलेगी। करार के तहत उपभोक्ता और वेंडर के बीच बिजली की दरें सहमति के आधार पर तय होंगी। अतिरिक्त बिजली को वेंडर डिस्कॉम को देकर अपना मुनाफा कमा सकेगा।पांच साल के लिए होगा करार
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार रेस्को मॉडल के तहत वेंडर (रूफटॉप लगाने वाली कंपनी) पांच साल तक ही छत का उपयोग कर सकेगी। इसके बाद छत का स्वामित्व उपभोक्ता का ही रहेगा। करार बढ़ाने पर वेंडर उपभोक्ता की छत पर रूफटॉप प्लांट से फिर से बिजली का उत्पादन कर सकेगा।जयपुर जिला: लक्ष्य 35,500 का अभी तक लगे 21 हजार
जयपुर जिले की ही बात करें तो पीएम सूर्यघर योजना के रूफटॉप लगाने के लक्ष्य इस वर्ष पूरे होते नहीं दिख रहे हैं। गत वर्ष फरवरी में योजना लांच होते समय जिले में 35,500 रूफटॉप लगाने के लक्ष्य रखे गए थे, लेकिन अभी तक महज 21 हजार रूफटॉप ही लग सके। बिजली इंजीनियर लक्ष्य पूरे होने के पीछे खर्च के साथ उपभोक्ताओं को फ्री बिजली मिलना भी बता रहे हैं।