scriptOpinion : चिंताजनक है बच्चों में अपराध की बढ़ती प्रवृत्ति | Opinion: The increasing tendency of crime among children is worrying | Patrika News
ओपिनियन

Opinion : चिंताजनक है बच्चों में अपराध की बढ़ती प्रवृत्ति

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के साल-दर-साल सामने आने वाले आंकड़ों में बढ़ते अपराधों के साथ-साथ यह तथ्य भी सामने आता रहा है कि नाबालिगों में अपराध की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। पुणे में सातवीं कक्षा के छात्र द्वारा अपनी सहपाठी छात्रा से बलात्कार और हत्या के लिए दूसरे साथी को एक सौ रुपए की […]

जयपुरJan 30, 2025 / 09:38 pm

Sharad Sharma

Crime News

Crime News

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के साल-दर-साल सामने आने वाले आंकड़ों में बढ़ते अपराधों के साथ-साथ यह तथ्य भी सामने आता रहा है कि नाबालिगों में अपराध की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। पुणे में सातवीं कक्षा के छात्र द्वारा अपनी सहपाठी छात्रा से बलात्कार और हत्या के लिए दूसरे साथी को एक सौ रुपए की सुपारी देने की खबर चौंकाने वाली है। छात्रा का दोष इतना ही था कि उसने रिपोर्ट कार्ड पर पेरेंट्स के फर्जी साइन को लेकर आरोपी छात्र की शिकायत शिक्षक से की थी। हैरत की बात यह भी है स्कूल प्रशासन भी इस गंभीर मामले को दबाने में जुटा रहा। छात्रा की पिता की शिकायत पर पुलिस अब पूरे मामले की जांच में जुट गई है लेकिन समूचे घटनाक्रम ने बच्चों में बढ़ रही आपराधिक मनोवृत्ति की तरफ इशारा किया है, जो न केवल हमारे सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित कर रही हैं बल्कि हमारे बच्चों के भविष्य को भी संकट में डाल रही हैं। दरअसल, इस समस्या की जड़ में बच्चों पर हावी होता मानसिक तनाव, सहनशीलता की कमी, पारिवारिक और सामाजिक परिवेश में बदलाव, इंटरनेट और सोशल मीडिया की लत जैसे कई प्रमुख कारण हैं।
यह घटना समय रहते उजागर भले ही हो गई हो लेकिन कई सवाल भी खड़े कर गई है। शिक्षण संस्थानों को संस्कारों का केन्द्र माना जाता है। उनमें आखिर ऐेसी मनोवृत्ति वाले बच्चों की निगरानी क्यों नहीं होती? स्कूल प्रशासन इस मामले को दबाने की कोशिश में क्यों जुटा रहा? आपराधिक घटनाओं को कई बार बदनामी के डर से उजागर नहीं किया जाता। लेकिन संबंधित लोगों को इतना तो समझना होगा कि ऐसा कर वे एक तरह से आपराधिक प्रवृत्ति वाले बच्चों को संरक्षण दे रहे हैं। बिगड़ते पारिवारिक और सामाजिक माहौल के कारण बच्चों को मानसिक तनाव और अवसाद जैसी समस्याओं ने घेर लिया है। पश्चिमी देशों में स्कूलों में बच्चों के हिंसक बर्ताव की खबरें तो आती रही हैं, लेकिन हमारे देश में भी ऐसी घटनाएं सचमुच चिंतनीय है।
यह भी समझना होगा कि बच्चों के अपराधी बनने के पीछे सिर्फ बाहरी कारक ही नहीं, बल्कि पारिवारिक माहौल भी एक हद तक जिम्मेदार है। परिजनों का हर सही-गलत बात में बच्चों का समर्थन करना उन्‍हें राह से भटकाता भी है। बच्चों को सहनशीलता और आदर्शों की शिक्षा देनी होगी। उनके साथ घर व स्कूल दोनों जगह खुले संवाद को बढ़ावा देना होगा। बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच भी समय-समय पर होती रहनी चाहिए। बच्चों को ऐसा माहौल देने की जरूरत है जिससे वे सही रास्ते पर चल सकें। इसमें शिक्षकों व अभिभावकों के साथ समाज-सरकार की भी बड़ी भूमिका होती है।

Hindi News / Prime / Opinion / Opinion : चिंताजनक है बच्चों में अपराध की बढ़ती प्रवृत्ति

ट्रेंडिंग वीडियो