फायर ब्रिगेड की तत्परता से कोई बड़ा हादसा होने से बच गया। हालांकि, घटना के बाद अस्पताल परिसर में कुछ देर के लिए अफरातफरी का माहौल बन गया था। फिलहाल प्रशासन ने आग के कारणों की जांच शुरू कर दी है।
फायर ब्रिगेड ने संभाला मोर्चा
बता दें, आग लगने की सूचना सुबह 10:20 बजे घाटगेट कंट्रोल रूम को मिली। तुरंत फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और तेजी से आग पर काबू पा लिया। हालांकि, शुरुआत में आग के धुएं ने 22वीं मंजिल तक फैलकर माहौल को डरावना बना दिया। करीब 2 किलोमीटर दूर तक धुआं नजर आ रहा था।
वेल्डिंग के दौरान लगी आग
फायर ब्रिगेड के अधिकारी दीपक चंद ने बताया कि टॉवर के बेसमेंट में लिफ्ट की वेल्डिंग का काम चल रहा था, इसी दौरान वहां रखे फाइबर में आग लग गई। आग से उठे धुएं ने लिफ्ट के रास्ते पूरे टॉवर को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे यह ज्यादा गंभीर घटना लगने लगी। हालांकि, आग सिर्फ बेसमेंट और वहां रखे कबाड़ तक ही सीमित रही। बताते चलें कि अस्पताल प्रशासन की ओर से आग लगने के कारणों पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। हालांकि, मौके पर मौजूद अधिकारियों ने कहा कि टॉवर निर्माणाधीन होने के कारण ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।
कांग्रेस ने शुरू किया था टॉवर का निर्माण
गौरतलब है कि आयुष्मान टॉवर का निर्माण कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू हुआ था, जिसे पहले आईपीडी टॉवर नाम दिया गया था। सरकार बदलने के बाद इसे आयुष्मान टॉवर नाम दिया गया और इसे पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर संचालित करने की योजना बनाई जा रही है। इस टॉवर के निर्माण पर सरकार 600 करोड़ रुपए खर्च कर रही है, लेकिन इसके सुचारू संचालन के लिए हर महीने 100 करोड़ रुपए की जरूरत होगी।