जबकि विधानसभा में कोटा विधायक और पूर्व मंत्री शांति धारीवाल की ओर से योजना के तहत 1 जनवरी 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक लैप्स हुए गेहूं को लेकर सवाल पूछा गया तो खाद्य मंत्री सुमित गोदारा की ओर से इस अविधि में लैप्स की मात्रा को शून्य बताया है।
धारीवाल ने पूछा था सवाल
कोटा विधायक व कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे शांति धारीवाल ने अपने सवाल में पूछा था कि 1 जनवरी 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक योजना के तहत कितना गेहूं लैप्स हुआ। इस पर विभाग की ओर से धारीवाल को दिए गए जवाब के तौर पर जो दस्तावेज दिए उनमें किसी भी महीने में गेहूं लैप्स नहीं दिखाया गया और उठाव-आवंटन के बाद लैप्स वाले कॉलम में शून्य लिखा गया है। जो दस्तावेज धारीवाल के प्रश्न के जबाव में दिए गए ये दस्तावेज विभाग के उपायुक्त सुनील पूनिया की ओर से भेजे गए। 80 हजार लाभार्थियों को मिलता फायदा
1 जनवरी 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक कुल आवंटन और कुल उठाव के अंतर को देखें तो 4 लाख 69 लाख क्विंटल गेहूं लैप्स हुआ। जितना गेहूं लैप्स हुआ यह यह गेहूं योजना के तहत चयनित 80 हजार लाभार्थियों को मिलता तो उन्हें फायदा होता।
जयपुर में ही 24 हजार क्वि. से ज्यादा गेहूं लैप्स
खाद्य सुरक्षा योजना के तहत यदि जयपुर जिले की बात करें तो यहां भी कुल आवंटन के मुकाबले कुल उठाव के अंतर के हिसाब से 24 हजार 225 क्विंटल गेहूं लैप्स हुआ। जयपुर जिले में भी क्रय विक्रय सहकारी समितियां गेहूं का समय पर उठाव नहीं कर सकीं। 1 जनवरी 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक की अवधि तक प्रदेश में गेहूं परिवहन की व्यस्था पूरी तरह बेपटरी रही और क्रय विक्रय सहकारी समितियां समय पर गेहूं का उठाव नहीं कर सकी और इसी वजह से बड़ी मात्रा में गेहूं का उठाव नहीं हो सका।