इनमें एक आरोपी कमलेश चौधरी टेलीकॉम कंपनी में प्रमोटर का काम करता है। वह फैक्टरी एरिया में गरीब मजदूरों को अतिरिक्त रिचार्ज का लालच देकर उनकी आइडी से दो सिम कार्ड जारी करवा लेता था। एक सिम खुद रखता और दूसरी सिम मजदूर को दे देता। अब तक कमलेश ने 149 फर्जी सिम बेचने की बात कबूल की है।
नंबर कर देते ब्लॉक
डीसीपी (पश्चिम) अमित कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी कमलेश चौधरी करधनी, राजू जाखड़ गोविंदपुरा, सिरसी रोड, मदन गोविंदपुरा और विनोद चौधरी कालवाड़ रोड का रहने वाला हैं। सभी आरोपी सोशल मीडिया साइट्स पर फर्जी बॉडी मसाज और एस्कॉर्ट सर्विस की प्रोफाइल बनाकर लोगों से संपर्क करते थे। ये आरोपी लड़की उपलब्ध करवाने के नाम पर ग्राहकों से ऑनलाइन पेमेंट मंगवाते थे। जैसे ही ग्राहक भुगतान करता, आरोपी कॉल करने पर उनके मोबाइल नबर को ब्लॉक कर देते थे। अब तक की प्रमुख कार्रवाई
वर्ष 2025 में अब तक साइबर सेल पश्चिम की ओर से कुल 10,47,72,016 करोड़ रुपए की राशि पीड़ितों को रिफंड करवाई गई है। 145 फर्जी सिम कार्ड और 49 फर्जी आइएमइआइ नंबर को ब्लॉक करवाया गया है। केन्द्र सरकार के सीइआइआर पोर्टल के जरिए दो माह में 201 मोबाइल रिकवर कर पीडितों को लौटा दिए हैं जिनकी मार्केट वैल्यू 60 लाख रुपए है।