गहलोत ने आरोप लगाया कि 23 दिनों से गलता जी तीर्थ में भगवान को फूल-माला तक नहीं चढ़ाई जा सकी। जिससे 521 साल पुरानी परंपरा टूट गई। उन्होंने इसे सरकार की लापरवाही करार देते हुए कहा कि जब प्रदेश की राजधानी में स्थित एक प्रमुख तीर्थ स्थल की यह स्थिति है तो बाकी धार्मिक स्थलों का क्या हाल होगा। उन्होंने बीजेपी को ‘चुनावी हिंदू’ बताते हुए कहा कि यह पार्टी केवल चुनावी लाभ के लिए हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करती है, लेकिन जब धार्मिक स्थलों के रखरखाव की बात आती है तो कोई ध्यान नहीं देती।
गहलोत के इस बयान के बाद प्रशासन सक्रिय हो गया और जयपुर जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने गलता तीर्थ की व्यवस्थाओं को लेकर कल सुबह 11 बजे बैठक बुलाई है। कलेक्टर इस बैठक में तीर्थ की व्यवस्थाओं का फीडबैक लेंगे। गौरतलब है कि जयपुर जिला कलेक्टर गलता पीठ के ट्रस्ट के प्रशासक भी हैं, जिसके चलते तीर्थ स्थल की जिम्मेदारी सीधे प्रशासन पर आती है। पिछले दो दिनों से यह मुद्दा लगातार चर्चा में बना हुआ था, लेकिन गहलोत के बयान के बाद सरकार हरकत में आई।
पूर्व सीएम ने कहा कि बीजेपी सरकार वोट बैंक की राजनीति करने में माहिर है। प्रयागराज में कैबिनेट बैठक कर हिंदू भावनाओं को भुनाने की कोशिश की जाती है, लेकिन जब धार्मिक स्थलों की देखरेख का समय आता है तो वह उदासीन रवैया अपनाती है।