गुप्त सूचना के बाद की कार्रवाई
डीआरआई अधिकारियों को गुप्त सूचना मिली थी कि एक यात्री एयर अरेबिया की फ्लाइट से रियाद से जयपुर आ रहा है। उसके पास अवैध सोना हो सकता है। संदेह के आधार पर जब उसकी जांच की गई तो उसके पास से सीधे तौर पर कोई सोना बरामद नहीं हुआ। इसके बाद कोर्ट की अनुमति से एक्स-रे स्कैन किया गया, जिसमें पता चला कि उसके मलाशय यानी रेक्टम में सोने का पेस्ट छुपाया गया था। पूछताछ के दौरान इस मामले में एक बड़े सिंडिकेट की जानकारी सामने आई, जिसके सरगना के रूप में सीकर निवासी अजय फगेड़िया का नाम सामने आया है।
युवाओं को जाल में फंसाता है सरगना
अजय पर आरोप है कि वह सीकर और नागौर के युवाओं को लालच देकर तस्करी में शामिल करता था। इन युवाओं को प्रति फेरे 10,000 से 20,000 रुपए तक का भुगतान किया जाता था। जांच में यह सामने आया कि यह सिंडिकेट कई महीनों से सक्रिय था और अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट्स से सोने को पेस्ट फॉर्म में लाकर भारत में बेचता था।
सोना तस्कर गरीब और बेरोजगार युवकों को कैरियर के रूप में इस्तेमाल करते थे, ताकि वे जोखिम उठाकर इसे भारत ला सकें। डीआरआई अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है। इस केस में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है। फिलहाल, गिरफ्तार दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया है और उनके खिलाफ आगे की जांच जारी है।