गंगनहर प्रणाली विशेष रूप से श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ क्षेत्र की जल आपूर्ति को सशक्त करने के लिए यह पुनर्निर्माण कार्य अत्यंत आवश्यक है। केंद्रीय जल आयोग की 158वीं सलाहकार समिति ने 24 अप्रेल 2025 को इस परियोजना को स्वीकृति दे दी है।
परियोजना का वित्तीय विवरण
कुल लागत: 647.62 करोड़ रुपए
पंजाब की हिस्सेदारी: 379.12 करोड़ रुपए (58.54 प्रतिशत)
राजस्थान की हिस्सेदारी: 268.50 करोड़ रुपए (41.46 प्रतिशत )
अब आगे क्या ?
राजस्थान की हिस्सा राशि के लिए वित्तीय सहमति पंजाब के जल संसाधन विभाग से मिल चुकी है और अब राज्य का वित्त विभाग उसकी पुष्टि कर केंद्र को सूचना देगा। इसके बाद पंजाब सरकार केंद्र सरकार से वित्तीय स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजेगी।
दो वर्षों में पूर्ण होगा कार्य
पुनर्निर्माण कार्य इस वित्तीय वर्ष में ही शुरू कर दिए जाएंगे और अगले दो वर्षों में इसे पूरा करने की योजना है। सभी तकनीकी प्रक्रियाओं और निविदाओं के लिए पंजाब सरकार से समन्वय स्थापित किया जा रहा है। किसानों को होगा सीधा लाभ
इस परियोजना से फीडर की क्षमता 11,192 क्यूसेक से बढ़कर 13,842 क्यूसेक हो जाएगी। मानसून के दौरान पाकिस्तान की ओर बहने वाले अतिरिक्त पानी को संरक्षित कर राजस्थान के 3.14 लाख हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र में उपयोग किया जा सकेगा। इससे: