यह अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण बनाने का उद्देश्य
यह न्यायाधिकरण आक्रामकता के अपराध के लिए रूस के उच्च अधिकारियों पर मुकदमा चलाने का मुख्य उद्देश्य रखता है। यूक्रेन ने फरवरी 2022 में रूस की ओर से आक्रमण के बाद से कई युद्ध अपराधों के आरोप लगाए हैं, जैसे नागरिक बुनियादी ढांचे पर बमबारी, नागरिकों की हत्या, बलात्कार, बंधक बनाना और यातना देना। हालांकि, रूस इन आरोपों से इनकार करता है।
रूसी अधिकारियों पर मुकदमा चलाने के लिए विशेष न्यायालय की आवश्यकता
यूक्रेन ने विशेष न्यायाधिकरण की स्थापना की मांग की है, क्योंकि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय अदालतों, जैसे हेग में स्थित अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय, के पास आक्रामकता के अपराध पर मुकदमा चलाने का अधिकार नहीं है। इसके साथ ही, यह न्यायालय उन युद्ध अपराधों पर भी मुकदमा चलाएगा, जो रूस की सेना ने यूक्रेन में किए हैं।
न्यायालय की स्थिति और संभावनाएँ
अभी तक यह तय नहीं किया गया है कि यह विशेष न्यायालय कहां स्थित होगा। हालांकि, हेग का नाम सुझाया गया है, क्योंकि वहां पहले से ही अंतरराष्ट्रीय अदालतों का कानूनी ढांचा मौजूद है।
अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत रूस के नेताओं को छूट
अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत, कुछ देशों के प्रमुख, जैसे राष्ट्राध्यक्ष और सरकार प्रमुख, अभियोजन से छूट प्राप्त होते हैं। इसका मतलब यह है कि यदि व्लादिमीर पुतिन पर मुकदमा चलाने की बात आती है, तो यह तब तक संभव नहीं होगा जब तक वह अपना पद नहीं छोड़ते। यह न्यायालय नीदरलैंड, जापान और कनाडा जैसे देशों के सहयोग से वित्त पोषित होगा।
ज़ेलेंस्की की न्यायाधिकरण मंज़ूरी पर अंतरराष्ट्रीय हलकों में हलचल
यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के इस फैसले के बाद यूरोपीय और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने इसका स्वागत किया है। यूरोपीय परिषद ने इसे “न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम” बताया है। वहीं रूस ने इस न्यायाधिकरण को “राजनीतिक चाल” कहते हुए खारिज किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह न्यायालय बनता है, तो यह भविष्य के युद्धों में जवाबदेही की मिसाल बन सकता है।
सुलगता सवाल : अब आगे क्या होगा? क्या पुतिन पर मुकदमा संभव है?
योजना के मुताबिक, अब इस न्यायाधिकरण के कानूनी ढांचे, स्थान और अधिकार-क्षेत्र को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू होगी। हालांकि, एक बड़ी चुनौती यह है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार राष्ट्रपति पुतिन जैसे मौजूदा राष्ट्राध्यक्षों पर मुकदमा तभी चल सकता है जब वे पद पर न हों। इसके बावजूद, यूक्रेन और उसके सहयोगी देश इस पहल को राजनीतिक और नैतिक दबाव के रूप में देख रहे हैं।
युद्ध के अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
बहरहाल यूक्रेन ने एक नए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की स्थापना की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य रूस के नेताओं पर यूक्रेन पर हमले और युद्ध अपराधों के लिए मुकदमा चलाना है। यह न्यायाधिकरण युद्ध के अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।