कार्यक्रम में खान, भूविज्ञान एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने बताया कि राज्य खनिज नीलामी में पहले ही अग्रणी रहा है और अब परिचालन में लाकर निवेश, रोजगार और राजस्व में भी बढ़ोतरी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने जानकारी दी कि आगामी 3 से 4 महीनों में करीब 10 प्रधान खनिज खानों को शुरू करने का लक्ष्य है। इसके लिए स्टेक होल्डर्स से आवश्यक औपचारिकताओं को समय पर पूरा करने का आग्रह किया गया है।
बैठक के प्रमुख बिंदु
1-एकीकृत मंच पर सभी संबंधित विभाग: खान, पर्यावरण, वन, सीया, जीएसआई, आईबीएम के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। 2-चेकलिस्ट और एसओपी जल्द उपलब्ध:सीया द्वारा अनुमतियों के लिए मानक चेकलिस्ट और प्रक्रिया दस्तावेज जल्द उपलब्ध कराए जाएंगे। 3-सलाहकारों की सूची साझा होगी: पर्यावरण अध्ययन के लिए एम्पेनल्ड सलाहकारों की सूची स्टेक होल्डर्स को दी जाएगी। 4-तेजी से हो रही मंजूरी प्रक्रिया: भारतीय खान ब्यूरो ने जानकारी दी कि माइनिंग प्लानों की अनुमतियों में तेजी लाई गई है।
कार्यशाला में अंबुजा, डालमिया, जेके लक्ष्मी, नुवाको, जेएसडब्ल्यू सीमेंट समेत एक दर्जन से अधिक स्टेक होल्डर्स ने सरकार की इस पहल की सराहना की और लंबित औपचारिकताओं को शीघ्र पूरा करने का भरोसा दिलाया।
खान निदेशक दीपक तंवर ने बताया कि नीलाम खानों के संचालन को अभियान के रूप में लिया गया है, और यह कार्यशाला इसी दिशा में एक सार्थक कदम है।