पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर शिक्षा व्यवस्था को पंगु बनाने का आरोप लगाते हुए इसे घोर संवेदनहीनता करार दिया है। 17,500 शिक्षक पदों के खाली पड़े होने, स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं, किताबों, यूनिफॉर्म और शिक्षा में नवाचार के अभाव ने सरकार की नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
‘शिक्षा व्यवस्था को पंगु बनाने पर तुली सरकार’
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने राजस्थान पत्रिका की खबर शेयर करते हुए कहा कि भाजपा सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को पंगु बनाने पर तुली है, शिक्षा के प्रति सरकार का यह रवैया घोर संवेदनहीनता को इंगित करता है। कहा कि विभाग की अकर्मण्यता देखिए.. बिना शिक्षकों के पूरा सत्र निकाल दिया, बिना पढ़ाई के बच्चों को बोर्ड की परीक्षाएं दिलवा दीं और अब राज्य स्तरीय वार्षिक परीक्षाएं भी आयोजित करवाने जा रहे हैं। परीक्षा के 8 महीने बाद भी महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों का पदस्थापन नहीं होना बताता है कि इस सरकार की न तो नीति सही है, और न ही नीयत। इस सरकार में स्कूलों में शिक्षक नहीं है
शिक्षा में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट नहीं है
शिक्षा में नवाचार के लिए कोई विचार नहीं है
बच्चों के लिए यूनिफॉर्म और किताबें नहीं है
बच्चों के लिए खेलने के लिए स्पोर्ट्स किट नहीं है
शिक्षा में प्रदेश को नंबर-1 बनाने के लिए नीति नहीं है
भाजपा सरकार में अगर कुछ है.. तो सिर्फ हल्की बयानबाजी, ओछी टिप्पणियां और पूर्ववर्ती सरकार को कोसना है।
यह है पूरा मामला
राज्य सरकार की ओर से संचालित 3737 स्वामी विवेकानंद मॉडल और महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पद अब तक नहीं भरे जा सके हैं। इन स्कूलों में चयनित शिक्षकों को साढ़े तीन महीने बाद भी जिला आवंटन और पदस्थापन का इंतजार है। राज्य में 25 अगस्त 2024 को शिक्षा विभागीय पंजीयक बीकानेर की ओर से परीक्षा आयोजित की गई थी। लेकिन 10 प्रतिशत बोनस अंकों को लेकर मामला न्यायालय में पहुंचने से परिणाम में देरी हुई। अंततः 23 दिसंबर 2024 को परिणाम घोषित किया गया।
इसी बीच, राज्य सरकार ने 50 जिलों की संख्या घटाकर 41 कर दी, जिससे पूर्व में लिए गए जिला विकल्प बदल गए। शिक्षा विभाग ने 13 से 16 जनवरी 2025 के बीच चयनित शिक्षकों से नए विकल्प फिर से भरवाए। इसके बाद 3 जनवरी 2025 को उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कैबिनेट सब कमेटी बनाई। फिर भी राज्य के 3 हजार 737 अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में चयनित होने के बाद भी हजारों शिक्षकों के पदस्थापन रुके हुए है।
बिना पढ़ें देंगे वार्षिक परीक्षा
इन स्कूलों में 17,500 शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जबकि छात्र बिना पढ़ाई के ही बोर्ड परीक्षाएं दे चुके हैं। अब राज्य में 24 अप्रेल से राज्य स्तरीय वार्षिक परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं, लेकिन इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को अब तक शिक्षक नहीं मिले हैं। इससे छात्र बिना पढ़े ही वार्षिक परीक्षा कैसे देंगे।