मेरा गतिरोध खत्म नहींः डोटासरा
हालांकि उसी दिन डोटासरा ने एयरपोर्ट पर मीडिया के सामने हाथों-हाथ स्पष्ट कर दिया कि सदन में हुई घटना को लेकर मेरा गतिरोध अभी खत्म नहीं हुआ है। इसके साथ ही जूली और डोटासरा के बीच रिश्तों में आई तल्खी भी सामने आ गई। नतीजन उस दिन से डोटासरा लगातार सदन से दूरी बनाए हुए हैं। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार जूली के इस माफीनामे से डोटासरा नाराज बताए जा रहे हैं। इस घटना के बाद से कांग्रेस के कुछ विधायकों में भी गुटबाजी पनपना शुरू हो गई है।भाजपा कांग्रेस को घेरने में जुटी
इस मुद्दे को लेकर भाजपा भी कांग्रेस को घेरने में जुटी है। भाजपा इसे डोटासरा और जूली के बीच वर्चस्व की लड़ाई का रूप देने के प्रयास में सक्रिय है। सत्तापक्ष सदन में लगातार यह बोलकर कांग्रेस को घेरने में जुटा है कि डोटासरा सदन में जूली को बोलने नहीं देना चाहते। हालांकि दोनों नेता अब तक परस्पर बयानबाजी से बचते नजर आए हैं। दोनों की पिछले दिनों कांग्रेस नेता के विवाह में मुलाकात भी हुई। इस दौरान दोनों मुस्करा दिए।नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली से सवाल-जवाब
Q- गतिरोध खत्म होने के बाद भी डोटासरा सदन नहीं आ रहे, क्या समझौते से नाराज है?जूली: कोई नाराजगी नहीं। हम दोनों चाहते थे सदन चले, क्योंकि भाजपा का रवैया सदन चलाने के पक्ष में नहीं था। जनता के मुद्दे सदन में उठे, इसलिए जनहित में यह निर्णय किया। भाजपा तो संविधान की हत्या करने पर उतारू है।
जूली: हमारे रिश्ते में कड़वाहट की कोई जगह नहीं। जब से हम दोनों ने काम शुरू किया है, भाजपा के हौसले पस्त हैं। भाजपा नेता अपनी कमियां छिपाने के लिए यह मामला उठाकर फूट डालो राज करो की नीति पर चल रहे हैं।
गोविंद डोटासरा से सवाल-जवाब
Q- सदन में किए समझौते को लेकर आपकी टीकाराम जूली ने नाराजगी है?डोटासरा : मेरी कोई नाराजगी, गुटबाजी नहीं है। समझौते से पहले मुझसे पूछा गया था। मैंने उन्हें समझौता करने के लिए कहा था। मेरा यही मत था कि सदन चले और इंदिरा गांधी के लिए जो टिप्पणी की कई वह कार्यवाही से हटे।
डोटासरा : गलत है। सदन में कौन बोलेगा, यह नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ही तय करते हैं, तो उन्हें मैं कैसे रोक सकता हूं। मैं तो इस सत्र में एक बार बोला हूं, जूली तो रोज बोलते हैं।
डोटासरा : मीडिया की खबरों को आधार बनाकर जिस प्रकार मेरे खिलाफ सदन में चर्चा कराई गई। मेरे लिए कहा गया कि मैं विधायक बनने लायक नहीं हूं। इससे मेरी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। इसके बारे में अभी कानूनी सलाह ले रहा हूं।