scriptJaipur: भीड़ अस्पतालों में बढ़ी है, मौसमी बीमारी दरवाजे पर खड़ी है… अब सावधानी ही बचाव है | Jaipur: Crowds have increased in hospitals, seasonal diseases are at the door… now caution is the only protection | Patrika News
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Jaipur: भीड़ अस्पतालों में बढ़ी है, मौसमी बीमारी दरवाजे पर खड़ी है… अब सावधानी ही बचाव है

राजधानी में इन दिनों मौसमी और मच्छरजनित बीमारियों का कहर तेजी से बढ़ रहा है। घर-घर में लोग बीमार पड़ रहे हैं, जिनमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी उम्र के लोग शामिल हैं। जयपुर के सभी प्रमुख सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या 20 से 25 फीसदी तक बढ़ गई है।

जयपुरJul 14, 2025 / 09:13 am

anand yadav

एसएमएस अस्पताल के आउटडोर में बढ़े मरीज, पत्रिका फोटो

एसएमएस अस्पताल के आउटडोर में बढ़े मरीज, पत्रिका फोटो

Jaipur: राजधानी में इन दिनों मौसमी और मच्छरजनित बीमारियों का कहर तेजी से बढ़ रहा है। घर-घर में लोग बीमार पड़ रहे हैं, जिनमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी उम्र के लोग शामिल हैं। स्थिति यह है कि एसएमएस, जेके लोन, जयपुरिया सहित शहर के सभी प्रमुख सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में मरीजों की संख्या 20 से 25 फीसदी तक बढ़ गई है। कई मरीज गंभीर हालत में भर्ती हो रहे हैं।

लिवर और किडनी पर भी हो रहा असर

एसएमएस अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सी.एल. नवल ने बताया कि इस समय वायरल संक्रमण के मामले अधिक सामने आ रहे हैं। मरीजों में सर्दी, खांसी, जुकाम, सिरदर्द, गले में खराश, सीने के संक्रमण जैसे सामान्य लक्षणों के अलावा वायरल एन्सेफलाइटिस (दिमागी बुखार), वायरल मेनिनजाइटिस (मस्तिष्क की परतों में सूजन) जैसे जटिल लक्षण भी देखे जा रहे हैं। गत माह की तुलना में वायरल फीवर के केस 30 फीसदी तक बढ़े हैं। डॉ. नवल ने बताया कि अब यह वायरल केवल बुखार तक सीमित नहीं रहकर लिवर और किडनी को भी प्रभावित कर रहा है। इसलिए लोगों को लापरवाही से बचना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
एसएमएस अस्पताल में बढ़े मरीज, पत्रिका फोटो

डायरिया से लेकर एलर्जी तक, हर बीमारी बढ़ी

चिकित्सकों के अनुसार इन दिनों अस्पतालों में डायरिया, पेचिश, वायरल हेपेटाइटिस (पीलिया), एलर्जी, अस्थमा और सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका मुख्य कारण बाहर का दूषित खाना और मच्छरों का बढ़ता प्रकोप है।
वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक गुप्ता के मुताबिक, बच्चों में वायरल फीवर, डायरिया, खांसी, जुकाम, टाइफाइड, पीलिया, मुंह में छाले और शरीर पर लाल चकत्तों जैसे लक्षण सामान्य हो गए हैं। कमजोर इम्युनिटी के कारण कई बच्चों को लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रखना पड़ रहा है।
एसएमएस अस्पताल के आउटडोर में बढ़े मरीज, पत्रिका फोटो

अगले चार महीने संक्रमण के लिहाज से संवेदनशील

विशेषज्ञों के अनुसार, अब अगले चार महीने संक्रमण के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील हैं। बरसात और उमस के मौसम में बैक्टीरिया और वायरस अधिक सक्रिय रहते हैं, जिससे संक्रमण जल्दी फैलता है। इस दौरान डेंगू और मलेरिया जैसे मच्छरजनित रोगों के मामलों में भी वृद्धि होती है। इसलिए अभी से सतर्कता बरतना जरूरी है।

ये सावधानियां जरूरी

साफ और उबला हुआ पानी पिएं, बच्चों को विशेष रूप से उबला पानी दें
घर और आस-पास की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें
मच्छरदानी का उपयोग करें, कूलर और गमलों में पानी न रुकने दें
सर्दी-खांसी होने पर मास्क पहनें
स्ट्रीट फूड, कटे फल और दूषित भोजन से परहेज करें
शुरुआती लक्षणों पर ही डॉक्टर से सलाह लें
बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले परिजनों का विशेष ध्यान रखें

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