साधारण शुरुआत से असाधारण सफर
परी बिश्नोई का जन्म 26 फरवरी 1996 को बीकानेर के काकड़ा गांव में हुआ। उनके पिता मनीराम बिश्नोई एक वकील हैं, जबकि मां सुशीला बिश्नोई राजस्थान पुलिस में जीआरपी थानाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। परी के दादाजी गोपीराम बिश्नोई अपने गांव के चार बार सरपंच रहे। घर में शिक्षा और समाज सेवा का माहौल होने के कारण परी को बचपन से ही कुछ बड़ा करने की प्रेरणा मिली। उनकी मां की मेहनत और नन्हे स्तर पर बदलाव लाने की क्षमता ने परी को सिविल सेवा में जाने के लिए प्रेरित किया।
शिक्षा का सफर और कठिन तैयारी
परी ने अपनी स्कूली शिक्षा अजमेर के सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से पूरी की, जहां उन्होंने 10वीं में 91 प्रतिशत और 12वीं में 89 प्रतिशत अंक हासिल किए। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए वे दिल्ली चली गई और दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ कॉलेज फॉर वुमन से स्नातक की डिग्री हासिल की। उसके बाद उन्होंने अजमेर के एमडीएस विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। UPSC परीक्षा को लेकर परी का सफर आसान नहीं था। पहले दो प्रयासों में उन्हें असफलता मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। तीसरे प्रयास में उन्होंने न सिर्फ परीक्षा पास की, बल्कि 23 वर्ष की उम्र में ऑल इंडिया रैंक 30 हासिल कर अपने परिवार और समाज का नाम रोशन किया। खास बात यह है कि तैयारी के दौरान उन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बनाई, फोन का इस्तेमाल बंद किया और सादगीपूर्ण जीवन जिया ताकि उनका पूरा ध्यान पढ़ाई पर रहे।
UPSC में सफलता और करियर की शुरुआत
साल 2019 में यूपीएससी परीक्षा में सफलता के बाद परी 2020 बैच की आईएस अधिकारी बनीं। परी को पहले सिक्किम कैडर मिला था, लेकिन बाद में उन्होंने अपना कैडर बदलकर हरियाणा करवा लिया, क्योंकि वह अपने माता-पिता की देखभाल करना चाहती थीं। उनकी पहली पोस्टिंग नई दिल्ली में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में सहायक सचिव के रूप में हुई। वर्तमान में वे हरियाणा में तैनात हैं। अपने कार्यकाल में वे सामाजिक मुद्दों और पर्यावरण से जुड़े विषयों पर सक्रियता से काम कर रही हैं, जो उनकी इंस्टाग्राम पोस्ट्स से भी झलकता है, जहां उनके 200k से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
परी का निजी जीवन भी चर्चा में
परी की शादी हरियाणा के सबसे युवा विधायक रहे भव्य बिश्नोई से हुई है, जो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के पोते और बीजेपी नेता कुलदीप बिश्नोई के बेटे हैं। मई 2023 में उनकी सगाई हुई और बाद में शादी ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं। 2023 में अपने पिता की बीमारी के कारण परी ने सिक्किम से हरियाणा में डेप्युटेशन की मांग की थी, जिसे हरियाणा सरकार ने स्वीकार कर लिया। हाल ही में परी विश्नोई ने एक बच्ची को भी जन्म दिया है।
युवाओं के लिए परी बिश्नोई की प्रेरणा
IAS परी बिश्नोई कहती हैं कि हार से कभी निराश नहीं होना चाहिए। एनसीईआरटी की किताबों को अच्छे से पढ़ें, पिछले साल के पेपर हल करें और मॉक टेस्ट दें। समय का प्रबंधन भी बहुत जरूरी है। उनकी यह सलाह यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए मार्गदर्शक बन रही है।