जानकारी के मुताबिक जनवरी 2024 में इस लैब का नवीनीकरण कार्य पूरा हो चुका था। इसी के साथ पांच कर्मचारियों का स्टाफ भी यहां लगाया गया। लेकिन डीएनए विषय विशेषज्ञों के पदों पर नियुक्ति नहीं की गई। जबकि इस लैब के बनने पर उम्मीद की जा रही थी कि डीएनए जांच के लिए सैंपल कहीं ओर नहीं भेजने पड़ेगे, साथ ही रिपोर्ट का लंबा इंतजार भी खत्म हो जाएगा।
डिप्लोमा-सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू हो जाता
एसएमएस में यदि यह लैब शुरु होती तो मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किया जा सकता था। सूत्रों के मुताबिक अस्पताल के आला अधिकारी और विभाग के कुछ जिम्मेदार इस लैब को लेकर कभी गंभीर ही नहीं हुए। -मामले में पत्रिका ने अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी को फोन किया, लेकिन उन्होंने व्यस्तता बताते हुए इस मामले में बाद में बात करने की बात कही।