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जयपुर

मंगला पशु बीमा योजना: लक्ष्य पूरा करना बना चुनौती, धीमी प्रगति पर बढ़ी चिंता अंतिम तिथि 31 जनवरी तक बढ़ी

अंतिम तिथि 31 जनवरी तक बढ़ी, जिले में 65. 58 प्रतिशत हुआ पशु बीमा, मोबाइल ऐप एमएमपीबीवाई, वेब पोर्टल और ई-मित्र पर निशुल्क कर सकते हैं आवेदन

जयपुरJan 24, 2025 / 01:44 pm

MOHIT SHARMA

कोटपूतली-बहरोड़. राजस्थान सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत 21 लाख पशुओं का बीमा करने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि 22 जनवरी तक महज 6.53 लाख यानी 31.10 प्रतिशत पशुओं का ही बीमा हो पाया है। इसे देखते हुए पशुपालन विभाग ने बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जनवरी तक बढ़ा दी है। वहीं कोटपूतली-बहरोड़ जिले की स्थिति पर नजर डालें तो बेहतर परिणाम के साथ जिले में 20500 के लक्ष्य के मुकाबले 13444 पशुओं का बीमा यानि 65.58 प्रतिशत हो सका। इनमें ऊंट-33, गाय-2501, भैंस-9755, भेड़-993 और बकरी-162 शामिल हैं।
बांसवाड़ा अव्वल, जैसलमेर सबसे पीछे
राज्य में सर्वाधिक लक्ष्य प्राप्ति बांसवाड़ा जिले की रही जहां 92.45 प्रतिशत यानी 36585 में से 33822 पशुओं का बीमा हुआ। वहीं जैसलमेर जिले में प्रदर्शन सबसे खराब रहा जहां 102300 के लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 9.21 प्रतिशत यानी 9424 पशुओं का बीमा हो पाया।
कम रुचि के पीछे कारण
योजना के तहत एक पशुपालक अधिकतम दो गाय या भैंस और 10 बकरी, 10 भेड़ या एक ऊंट का बीमा ही करवा सकता है। जिन पशुपालकों के पास अधिक पशु हैं, वे चाहते हैं कि सभी पशुओं का बीमा हो। इसके अलावा योजना का समुचित प्रचार-प्रसार नहीं होने से पशुपालकों को इसकी जानकारी ही नहीं है।
400 करोड़ का बजट, लेकिन लक्ष्य अधूरा
पशुपालन विभाग ने बीमा के लिए 400 करोड़ रुपए का बजट तय किया था। सरकार को उम्मीद थी कि दुधारू गाय, भैंस, भेड़, बकरी और ऊंट के बीमा आवेदन लक्ष्य से अधिक आएंगे जिसके लिए लॉटरी प्रणाली का प्रावधान भी किया गया। हालांकि अब विभाग के लिए लक्ष्य पूरा करना चुनौती बन गया है।
ऊंट पालकों ने भी नहीं दिखाया उत्साह
जिले में ऊंटों की संख्या करीब 1 हजार है, लेकिन 22 जनवरी तक केवल 33 ऊंटों का ही बीमा हुआ जिसमें 27 ऊंट और 6 ऊंटनी का ही बीमा हो पाया।
कैसे मिलेगा लाभ?
योजना के तहत दुधारू पशुओं की प्राकृतिक या आकस्मिक मौत जैसे आग, सडक़ दुर्घटना, बिजली गिरने, जहरीला घास खाने, कीड़ा काटने या बीमारी से पर क्लेम मिलेगा। गाय, भैंस, ऊंट पर 40,000 रुपए और भेड़, बकरी पर 4,000 रुपए।
बीमा प्रक्रिया नि:शुल्क
पशुपालक मोबाइल ऐप, वेबपोर्टल और किसी भी ई-मित्र केंद्र से नि:शुल्क बीमा करवा सकते हैं। पशुपालन विभाग के चिकित्सक पशुपालकों को जागरूक कर बीमा कराने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। पशुपालन विभाग ने पशुपालकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बीमा की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 जनवरी कर दी है।
पशुपालकों को जागरूक कर रहे
जिले में हमने 65.58 प्रतिशत लक्ष्य अब तक हासिल कर लिया है, 31 जनवरी तक हम 20500 के टारगेट को पूरा करेंगे। इसके लिए विभागीय स्तर पर व्यापक प्रचार प्रसार व पशुपालकों को जागरूक किया जा रहा है।
डॉ. हरीश गुर्जर, जिला पशु चिकित्सा अधिकारी कोटपूतली-बहरोड़

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