Mansoon Update: राजस्थान में मानसून के वेलकम का प्लान, जानें प्रमुख बांधों पर क्यों टाइमलाइन मेंटीनेंस पर फोकस
राज्य के जल संसाधन विभाग प्रदेश के प्रमुख बड़े बांधों में बारिश के पानी के स्टोरेज को लेकर बांधों पर मेंटीनेंस वर्क युद्धस्तर पर करवा रहा है। प्रदेश में इस बार मानसून तय वक्त से पहले दस्तक देने की संभावना के चलते विभाग के अफसर मेेंटीनेंस कार्यों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।
बीसलपुर डेम पर चल रहे मेंटीनेंस कार्य, पत्रिका फोटो
राजस्थान में आगामी चंद दिनों में दक्षिण पश्चिमी मानसून की एंट्री होने वाली है। इस बार मौसम विभाग ने प्रदेश में सामान्य से ज्यादा बारिश होने का पूर्वानुमान जारी किया है। दूसरी तरफ राज्य के जल संसाधन विभाग प्रदेश के प्रमुख बड़े बांधों में बारिश के पानी के स्टोरेज को लेकर बांधों पर मेंटीनेंस वर्क युद्धस्तर पर करवा रहा है। प्रदेश में इस बार मानसून तय वक्त से पहले दस्तक देने की संभावना के चलते विभाग के अफसर मेेंटीनेंस कार्यों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।
राजस्थान में बीसलपुर बांध समेत प्रमुख बांधों पर इन दिनों बांधों के गेट, सुलूस वॉल्व, मोटर,ग्रिसिंग आदि कार्य कराए जा रहे हैं। बांध ओवरफ्लो होने की स्थिति में गेट खोलने में किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए सभी आवश्यक कदम जल संसाधन विभाग उठा रहा है। सामान्यतया 10 जून तक बांधों पर सभी मेंटीनेंस कार्य हर साल होते हैं लेकिन इस बार राज्य में मानसून की तय समय से पहले एंट्री की संभावना के मद्देनजर विभाग के अफसर भी तय समय सीमा से पहले ही मेंटीनेंस कार्य पूरा करने में जुटे हुए हैं।
बीसलपुर बांध का एक गेट पिछले साल अटका
पिछले साल जयपुर की लाइफलाइन बीसलपुर डेम सातवीं बार छलका। मानसून के अंतिम चरण में बांध से पानी की निकासी जारी रही लेकिन इस दौरान डेम के रेडियल गेट को तकनीकी खामी के कारण गेट को बंद नहीं किया जा सका। बांध में पानी की आवक धीमी होने के बाद भी गेट बंद नहीं होने से पानी की निकासी बांध से होती रही। लेकिन इस बार बांध के सभी 18 गेट की बारीकी से चैकिंग की गई है।
प्रमुख बांधों पर कंट्रोल रूम, अलर्ट के लिए सायरन
जल संसाधन विभाग ने प्रदेश के सभी प्रमुख बांधों पर मानसून अवधि के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। बांधों पर स्थापित कंट्रोल रूम प्रदेश से मानसून की विदाई होने तक 24 घंटे कार्यरत रहते हैं। इसके अलावा बांध ओवरफ्लो होने व पानी की निकासी की स्थिति में बांध के आसपास बसे गांवों के बाशिंदों को अलर्ट करने के लिए सायरन भी लगाए गए हैं। विभाग ने कुछ बांधों पर मेंटीनेंस कार्य पूरे होने पर टेस्टिंग भी शुरू कर दी है।