मॉक ड्रिल के दौरान एक दृश्य, फोटो- पत्रिका नेटवर्क
Mock Drill in Rajasthan: राजस्थान में आज ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत ड्रोन और हवाई हमले से बचाव के लिए व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देश पर आयोजित इस अभ्यास में जयपुर, कोटा, भरतपुर, सीकर, झालावाड़, कोटपूतली-बहरोड, बाड़मेर, जालोर, करौली और बीकानेर जैसे जिलों में राहत और बचाव कार्यों का पूर्वाभ्यास किया गया। इस दौरान सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ, पुलिस, सेना, और चिकित्सा टीमें सक्रिय रहीं।
जयपुर के खातीपुरा स्थित शहीद मेजर दिग्विजय सिंह सुमाल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में ड्रोन हमले की मॉक ड्रिल आयोजित की गई। स्कूल ग्राउंड में डमी के रूप में अभ्यास किया गया, जिसमें बाजार में घूम रहे लोगों पर ड्रोन हमला होने की स्थिति दिखाई गई। सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ ने तुरंत कार्रवाई करते हुए घायलों को अस्पताल पहुंचाया। छत पर फंसे लोगों को क्रेन की मदद से बचाया गया, जिसमें एनसीसी कैडेट्स ने भी सहयोग किया। अतिरिक्त जिला कलेक्टर संतोष मीणा ने बताया कि रात 8 बजे सायरन बजाकर ब्लैकआउट की सूचना दी जाएगी, जिस दौरान नागरिकों को घरों में रहना होगा।
कोटा और भरतपुर में भी अभ्यास
कोटा में स्टेशन के आर्मी इलाके के हल्दीघाटी गेट पर ड्रोन हमले की मॉक ड्रिल की गई। कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी ने बताया कि यह अभ्यास आपातकालीन सेवाओं की जांच के लिए था। पुलिस अधीक्षक अमृता दुहन ने कहा कि पिछली मॉक ड्रिल की कमियों को सुधारकर यह दूसरा अभ्यास किया गया।
भरतपुर में बृजेंद्र बिहारी जी मंदिर में ड्रोन हमले की रिहर्सल हुई। ADM सिटी राहुल सैनी ने बताया कि पुलिस, सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ, आर्मी, QRT और एम्बुलेंस टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और घायलों को RBM अस्पताल भेजा गया। मॉक ड्रिल के दौरान सायरन से श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया, लेकिन बाद में स्थिति स्पष्ट हुई।
सीकर के कल्याण मेडिकल कॉलेज में मॉक ड्रिल के दौरान चार-पांच धमाकों की स्थिति बनाई गई। कलेक्टर मुकुल शर्मा ने बताया कि एयर स्ट्राइक की सूचना पर 25-30 घायलों को SK अस्पताल पहुंचाया गया, जिसमें एक बच्ची सहित कुछ लोगों को पांचवीं मंजिल से उतारा गया। अभ्यास में तीन लोगों की मृत्यु दिखाई गई।
झालावाड़ में मधुमक्खियों का हमला
झालावाड़ में कालीसिंध बांध पर ड्रोन हमले की मॉक ड्रिल के दौरान मधुमक्खियों ने कलेक्टर, एसपी और अन्य अधिकारियों पर हमला कर दिया, जिससे अफरा-तफरी मच गई।
करौली, बाड़मेर और बीकानेर में भी अभ्यास
कोटपूतली-बहरोड के नीमराना में हीरो प्लांट पर एयर स्ट्राइक की मॉक ड्रिल हुई, जिसमें रस्सियों के सहारे लोगों को बिल्डिंग से उतारा गया। बाड़मेर के उत्तलाई एयरबेस के आवासीय परिसर में ड्रोन हमले का अभ्यास किया गया, जिसमें कलेक्टर टीना डाबी और एसपी नरेंद्र सिंह मीणा के नेतृत्व में राहत कार्य शुरू हुए।
जालोर में रेलवे स्टेशन पर बमबारी की स्थिति में 30 घायल और चार मृतकों का परिदृश्य बनाया गया। करौली के गवर्नमेंट कॉलेज में हवाई हमले की मॉक ड्रिल में 10-15 घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल भेजा गया। बीकानेर में सीमा सड़क संगठन पर हवाई हमले की स्थिति में 20 लोगों को बचाने का अभ्यास किया गया।
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ब्लैकआउट के दौरान क्या करें, क्या नहीं?
ऑपरेशन शील्ड के तहत ब्लैकआउट के दौरान नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनका पालन कर आपात स्थिति में सुरक्षित रहने में मदद मिलेगी।
क्या करें– सायरन बजने पर शांतिपूर्वक निकटतम सुरक्षित शरण स्थल पर जाएं। शरण स्थल तक पहुंचने का रास्ता पहले से तय रखें। सिविल डिफेंस वार्डनों और स्थानीय प्रशासन का सहयोग करें। मोबाइल या रेडियो के माध्यम से सरकारी अलर्ट और निर्देश सुनें।
बचाव कार्य शुरू होने पर, जो दो मिनट तक सायरन बजने के बाद होगा, प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें। क्या न करें–
अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें। माचिस, टॉर्च, मोबाइल फ्लैशलाइट या किसी भी प्रकाश स्रोत का उपयोग न करें। खिड़कियों से प्रकाश बाहर न जाए, इसके लिए खिड़कियों पर काला कागज या पर्दा लगाएं।
सड़क पर चल रहे वाहनों की लाइट बंद करें और जहां हैं, वहीं रुकें। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि ब्लैकआउट के दौरान धैर्य बनाए रखें और आपात स्थिति में सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें।