महानिरीक्षक पुलिस (सीआइडी सुरक्षा) विष्णु कांत गुप्ता ने बताया कि जैसलमेर के बडोड़ा स्थित मंगलियों की ढाणी निवासी शकूर खान दिल्ली में स्थित पाकिस्तान दूतावास में कार्यरत कई अधिकारी व कर्मचारियों के संपर्क में था। खासतौर पर दूतावास के अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश और सोहेल कमर के संपर्क में लगातार था। भारत सरकार ने पहले ही दानिश को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित कर वापस पाकिस्तान भेज दिया।
दानिश की मदद से कई बार गया पाकिस्तान
इंटेलिजेंस के मुताबिक, आरोपी शकूर खान दानिश की मदद से कई बार पाकिस्तान का वीजा प्राप्त किया और पाकिस्तान की 15 वर्ष में 7 बार यात्रा की। आरोपी मोबाइल पर भी पाकिस्तान आइएसआइ के कई एजेंट व बड़ी संख्या में अन्य लोगों के संपर्क में था। पाकिस्तान में प्रशिक्षण भी लिया। इसके बाद पाकिस्तान को भारत से जुड़ी सामरिक महत्व की गोपनीय सूचनाएं भेजने लगा। एजेंसियां यह भी पता लगा रही है कि क्या शकूर को भी पाकिस्तान में ज्योति जैसी वीवीआइपी सुविधाएं मिलती थी।
एएओ के पद के चलते कई जानकारी होती पता
पाकिस्तान प्रवास के दौरान आरोपी शकूर पर पाक की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के एजेंटों से संपर्क साधा। आइएसआइ के बताए अनुसार भारत लौटकर सामरिक महत्व की सूचनाएं एकत्र करता था और उन्हें सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान भेजता था। आरोपी के रोजगार कार्यालय में एएओ पद पर कार्यरत रहते हुए कई संवेदनशील जानकारी पहुंचने की आशंका है।