जयपुर। शहर में बढ़ती गर्मी के साथ ही सवाई मानसिंह अस्पताल में मरीजों की संख्या में भी इजाफा होने लगा है। परंतु अस्पताल में गर्मी से निपटने के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। स्थिति ये है कि कई वार्डों में पंखे सही से काम नहीं कर रहे। इससे मरीज व उनके परिजन को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
मौसम में बदलाव के चलते मौसमी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों की संख्या बढ़ रही है। स्थिति ये है कि रोजाना 10 हजार से ज्यादा मरीज अस्पताल की ओपीडी में पहुंच रहे हैं। इनमें ज्यादातर मरीज स्किन व आंख में एलर्जी, डिहाइड्रेशन, सिरदर्द, बुखार, डायरिया, जुकाम समेत कई बीमारियों से ग्रस्त हैं।
इन्हें ओपीडी ब्लॉक में लंबी कतारों में गर्मी और उमस से जूझते देखा जा रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत बुजुर्ग व महिला मरीजों को हो रही है। ऐसा ही हाल अस्पताल के चरक भवन, मुख्य बिल्डिंग और ट्रोमा सेंटर के कई वार्डों में है। कई जगह पंखे बंद पड़े हैं। वहीं कई वार्डों में पंखे चलने के बाद भी उमस और गर्मी से मरीज-परिजन परेशान हैं। अस्पताल में कार्यरत स्टाफ ने कहा कि रात के समय ज्यादा दिक्कत नहीं होती है, लेकिन दोपहर में ज्यादा परेशानी होती है।
अब तक चालू नहीं हुई डक्टिंग
मामले को लेकर मरीज व उनके परिजन में रोष है। उनका कहना है कि सुविधाओं को लेकर अस्पताल में ध्यान नहीं दिया जा रहा। मरीजों ने सरकार से तुरंत ठोस कदम उठाने की मांग की। पड़ताल में पाया गया कि अस्पताल के चरक भवन, ट्रोमा सेंटर और मुख्य बिल्डिंग में अभी तक डक्टिंग शुरू नहीं की गई है। वहीं पिछले वर्ष भी खराब डक्टिंग की वजह से ट्रोमा सेंटर में मरीजों को काफी दिक्कत हुई थी।
बैठक में दिए थे निर्देश
लू-तापघात व मौसमी बीमारियों को लेकर चिकित्सा विभाग ने हाल ही बैठक लेकर अलर्ट जारी किया था। इस संबंध में स्वास्थ्य भवन में बैठक हुई थी। इसमें चिकित्सा संस्थानों में जांच, उपचार के साथ ही छाया-पानी के माकूल इंतजाम करने के निर्देश दिए गए थे। साथ ही पंखे, कूलर, एसी की जरूरत के अनुसार खरीद और मेंटीनेंस के भी निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद भी ऐसी स्थिति देखी जा रही है।