प्रशासन के रवैये से आक्रोशित हुए ग्रामीण ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत मुख्यालय पर पहुंचकर प्रशासक सुंदरलाल भावरिया से मिलने की मांग की, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उनकी मांगों को नजर अंदाज करने पर लोगों में आक्रोश बढ़ गया। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत ने पिछले पांच वर्षों में अपने राजनीतिक स्वार्थ के चलते कई लोगों को अवैध रूप से पट्टे वितरित किए हैं, जिनकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। ग्रामीण अपनी मांग को लेकर पंचायत के बाहर धरने पर बैठ गए।
पंचायत समिति के हस्तक्षेप के बाद धरना समाप्त अजीतगढ़ पंचायत समिति के विकास अधिकारी के प्रतिनिधि धुडाराम ने मौके पर पहुंचकर लोगों की समस्याएं सुनीं। ग्रामीणों ने पंचायत समिति के प्रतिनिधि के सामने भी यही आरोप दोहराया कि ग्राम पंचायत राजनीतिक स्वार्थ के तहत काम कर रही है और केवल एक व्यक्ति के अतिक्रमण को हटाकर पक्षपात कर रही है। साथ ही उन्होंने पिछले पांच वर्षों में वितरित किए गए सभी पट्टों की जांच कराने की मांग भी रखी। पंचायत समिति के प्रतिनिधि ने आश्वासन दिया कि उनकी सभी मांगों को विकास अधिकारी तक पहुंचाया जाएगा और समस्या के समाधान के प्रयास किए जाएंगे। इस आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने अपना धरना समाप्त कर दिया।
इनका कहनाः- अतिक्रमण हटाने में कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा है। यदि अन्य स्थानों पर भी अतिक्रमण की शिकायत है तो वे लिखित में पंचायत को दें ताकि वहां भी कार्रवाई हो सके। पंचायत द्वारा पिछले पांच वर्षों में वितरित किए गए पट्टों में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं हुई है, लेकिन यदि ग्रामीण मांग करते हैं तो उनकी जांच कराई जा सकती है।
– सुंदरलाल भावरिया, प्रशासक