राजस्थान में 10 हजार वाहनों के VIP नंबर शक के दायरे में, 2000 जयपुर में मिले, परिवहन विभाग ने शुरू की जांच
Rajasthan Transport Department Update : राजस्थान के आरटीओ कार्यालयों में 10 हजार वाहनों के वीआइपी नंबरों की जांच शुरू की गई है। राजस्थान में 10 हजार वाहनों के VIP नंबर शक के दायरे में हैं। बड़ी खबर है, पढ़ें।
Rajasthan Transport Department Update : राजस्थान के आरटीओ कार्यालयों में 10 हजार वाहनों के वीआइपी नंबरों की जांच शुरू की गई है। इन नंबरों को जारी करने की प्रक्रिया पर सवाल खड़े हुए हैं। विभाग ने इन नंबरों से संबंधित रिकॉर्ड मांगा है। विभाग स्तर पर इनकी छानबीन शुरू कर दी गई है। जयपुर में इनमें से करीब 2000 वीआइपी नंबर ऐसे हैं, जिन पर सवाल खड़े हुए हैं। इन नंबरों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। गौरतलब है कि आरटीओ जयपुर में पिछले दिनों पुराने वाहनों के वीआइपी नंबरों को फर्जी तरीके से रिटेंशन कराने के मामले में फर्जीवाड़ा सामने आया था।
परिवहन विभाग की ओर से की जा रही जांच में सामने आ रहा है कि आरटीओ कार्यालयों में पुराने थ्री डिजिट वीआइपी नंबरों के रिकॉर्ड ही गायब कर दिए गए हैं। इसके अलावा रिकॉर्ड हैं तो उसमें से पन्ने गायब हैं। आरटीओ कार्यालयों में रिकॉर्ड फटे हुए हैं। ऐसे में इन नंबरों की जांच करने में परेशानी हो रही है।
79 वाहनों के बैकलॉग फर्जी तरीके से हुए
पिछले दिनों आरटीओ जयपुर में थ्री डिजिट के वीआइपी नंबरों का फर्जीवाड़ा सामने आया था। आरटीओ के दो कार्मिकों की मिलीभगत सामने आई थी। जांच में 79 वाहनों के बैकलॉग में यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था। चौंकाने वाली बात है कि यह फर्जीवाड़ा सिर्फ जयपुर में ही नहीं, बल्कि राज्य के कई जिलों में किया गया। झुंझुनूं, सवाईमाधोपुर, दौसा, सलूंबर में भी ऐसे नंबरों के बैकलॉग हुए हैं। इसके बाद परिवहन विभाग ने सभी आरटीओ कार्यालयों में जारी हुए ऐसे नंबरों की जांच शुरू करवाई थी।
गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। जयपुर आरटीओ से थ्री डिजिट नंबरों को फर्जीवाड़ा कर जारी किया गया था। इसमें आरटीओ जयपुर के दो बाबुओं की लिप्तता पाई गई थी। दोनों को विभाग ने निलंबित कर दिया था। इसके बाद परिवहन विभाग ने मामले में गहनता से जांच शुरू की।