जयपुर महानगर-प्रथम क्षेत्र के न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम-5 ने यह आदेश दिया। परिवादी के अधिवक्ता संदेश खंडेलवाल ने कोर्ट को बताया कि परिवादी पति मर्चेंट नेवी में है और पत्नी वायुसेना अधिकारी है। इन दोनों का फरवरी 2022 में विवाह हुआ। विवाह के समय परिवादी तलाकशुदा और उसकी पत्नी वायुसेना अधिकारी की विधवा थी। पत्नी का उसके पूर्व पति से एक बेटा भी है, जिसके भरण पोषण के लिए उसे पेंशन के रूप में दो लाख रुपए अलग से मिलते हैं।
परिवाद में आरोप लगाया कि शादी के बाद पत्नी व उसके घरवालों का व्यवहार बदल गया। पत्नी आए दिन गुस्सा करने लगी और जयपुर तबादला होने पर परिवादी को प्रताड़ित किया। परिवादी का आरोप है कि उसके सास-ससुर शादी वायुसेना की अधिकारी से होने का रौब दिखाकर बडी कार खरीदने का दवाब बनाते हैं।
परिवादी सितम्बर 2022 में जयपुर आया तो पत्नी के माता-पिता ने कहा कि यदि डिमांड पूरी नहीं की तो वे तलाक करा देंगे। इसी बीच 26 जून 2023 को बेटा हुआ, लेकिन मांग पूरी नहीं होने के कारण पत्नी ने बेटे से नहीं मिलने दिया। परिवादी 19 मार्च 2025 को वायुसेना स्टेशन गया तो पत्नी व ससुर ने बेटे से मिलने के लिए 5 करोड रुपए व लग्जरी कार की मांग पूरी करने की शर्त रखी।