जयपुर के इस इलाके में सड़क चौड़ीकरण पर लगा विराम, बुलडोजर एक्शन से पहले अब पट्टों की होगी जांच
Bulldozer Action: सिरसी रोड के निवासियों की तरफ से वकील सुरेश मिठरवाल ने जेडीए ट्राइब्यूनल में याचिका दायर की है। उनका कहना है कि जेडीए ने सोसाइटी से मिले पट्टों को अवैध बताकर दुकानों को गिरा दिया।
सिरसी रोड पर सड़क चौड़ीकरण का काम रुक गया है। (फाइल फोटो)।
Bulldozer Action जयपुर । विकास प्राधिकरण (JDA) ने सिरसी रोड निवासियों के जमीन संबंधी विवाद को सुलझाने के लिए एक विशेष पैनल गठित किया है। यह पैनल जोन के अलावा आयुक्त की अध्यक्षता में कार्य करेगा। समिति उन निवासियों की स्थिति की जांच करेगी, जिन्होंने अपने पास पूर्ववर्ती झोटवाड़ा पंचायत द्वारा जारी पट्टे प्रस्तुत किए हैं। इन पट्टों के आधार पर यह तय किया जाएगा कि कौन से निवासी मुआवजे के हकदार हैं और उन्हें कितना मुआवजा मिलना चाहिए।
जेडीए अधिकारियों के मुताबिक, लगभग 70 प्लॉट मालिकों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। 9 अप्रैल को जब अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया, उस दिन कई निवासियों ने 1960 के दशक में पंचायत द्वारा जारी पट्टे दिखाए थे। इसके बाद, जेडीए ने तीन दिवसीय शिविर आयोजित किया था, जिसमें लोगों से अपने जमीन से संबंधित सभी दस्तावेज जमा करने को कहा गया था।
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4 तरह की हैं संपत्तियां
स्थानीय निवासियों के अनुसार, जांच के दायरे में 4 तरह की संपत्तियां हैं। पहली, राज्य सरकार की जमीन पर बना फार्म। दूसरी, वे दुकानदार जिनके पास सोसाइटी के पट्टे हैं। तीसरी, वे निवासी जिनके पास पंचायत के पट्टे हैं और चौथी, वे संपत्तियां जो 9 अप्रैल को तोड़ी जा चुकी हैं, बावजूद इसके कि उनके पास पंचायत से मिले पट्टे थे।
सड़क की चौड़ाई पर सवाल
सिरसी रोड के निवासियों की तरफ से वकील सुरेश मिठरवाल ने जेडीए ट्राइब्यूनल में याचिका दायर की है। उनका कहना है कि जेडीए ने सोसाइटी से मिले पट्टों को अवैध बताकर दुकानों को गिरा दिया, जबकि सोसाइटी ने उन्हें वैध रूप से पट्टे दिए थे। साथ ही, अब तक यह भी स्पष्ट नहीं हुआ है कि सड़क की असली चौड़ाई क्या है, जिस आधार पर यह अतिक्रमण हटाया गया।
सिरसी रोड विवाद फिलहाल जांच के दौर में है और स्थानीय निवासी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें न्याय मिलेगा। जेडीए की समिति की रिपोर्ट अब तय करेगी कि पट्टे वैध थे या नहीं और जिनके घर तोड़े गए, उन्हें क्या मुआवजा मिलेगा।