राजस्थान में जल जीवन मिशन घोटाला
जल जीवन मिशन (JJM) राजस्थान सहित पूरे देश में सुर्खियां बटोर रहा है। आरोप है कि जलदाय विभाग (PHED) और केंद्र की हर घर नल योजना के तहत टेंडरों में बड़ा फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपए का गबन किया गया है। आइए इस घोटाले की परत दर परत पर एक नजर डालते हैं।घोटाले की ऐसे पड़ी नींव
जलदाय विभाग (PHED) में वर्ष 2021 में 2 कम्पनियों ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर करोड़ों रुपए के टेंडर हासिल किए थे। इन 2 कम्पनियों के नाम श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी थे। इनके ठेकेदार पदमचंद जैन और महेश मित्तल ने अपनी इन 2 कम्पनियों से करोड़ों रुपए के टेंडर हासिल किए थे। श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने 68 निविदाओं में हिस्सा लिया। जिनमें से 31 टेंडर में एल-1 बोलीदाता बनकर 859.2 करोड़ रुपए के टेंडर हासिल किए। वहीं, श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी ने 169 निविदाओं में हिस्सा लिया और 73 में एल-1 बनकर 120.25 करोड़ रुपए के टेंडर प्राप्त किए।खुशखबर, राजस्थान को सिंधु नदी का पानी मिलने की उम्मीद जगी, चर्चाएं हुई तेज
कैसे खुला मामला
16 फरवरी 2023 – यूपी निवासी पदम सिंह ने 9 अफसरों पर फर्जी टेंडर जारी करने की शिकायत ईमेल के जरिए से की, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।16 मार्च 2023 – वकील मनेश कुमार कलवानिया ने भी शिकायत दर्ज कराई, परंतु कोई परिणाम नहीं निकला।
मई 2023 – वित्तीय समिति की बैठक में आरोपों की जानकारी होने के बाद भी टेंडर पास कर दिए गए।
7 अगस्त 2023 – एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने कार्रवाई करते हुए पीएचईडी इंजीनियर मायालाल सैनी, ठेकेदार पदमचंद जैन, सुपरवाइजर मलकेत सिंह और दलाल प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया।
सितंबर 2023 – एसीबी ने श्याम ट्यूबवेल और गणपति ट्यूबवेल कंपनियों के खिलाफ फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर टेंडर प्राप्त करने के मामले में एफआईआर दर्ज की।
सितंबर 2023 – प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी मामले में जांच शुरू कर छापेमारी की।
3 मई 2024 – केंद्र सरकार की अनुमति मिलने के बाद CBI ने मामला दर्ज किया।
4 मई 2024 – ईडी ने अपनी जांच पूरी कर साक्ष्य और दस्तावेज एसीबी को सौंप दिए।
30 अक्टूबर 2024 – एसीबी ने पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
24 अप्रैल 2025 – पूर्व मंत्री महेश जोशी को गिरफ्तार किया गया।