सूत्रों के अनुसार, राजस्थान में इस अभियान की शुरुआत को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं और यह प्रक्रिया मध्य प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में अभियान पूरा होने के बाद शुरू होगी।
संगठन सृजन अभियान का समय
सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान में ‘संगठन सृजन अभियान’ की शुरुआत हरियाणा और मध्य प्रदेश में प्रक्रिया पूरी होने के बाद होगी। संभावना है कि पंजाब में अभियान के समापन के बाद राजस्थान का नंबर आएगा। हालांकि, अभी इसकी तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन माना जा रहा है कि यह प्रक्रिया जल्द शुरू हो सकती है। इस अभियान के तहत राजस्थान में संगठन को और मजबूत करने के लिए जिला स्तर पर कई बदलाव किए जाएंगे, जिसमें नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति और आठ नए जिलों में जिला अध्यक्षों का चयन प्रमुख है।
जिला अध्यक्ष चयन की प्रक्रिया
कांग्रेस ने जिला अध्यक्षों के चयन के लिए एक व्यवस्थित प्रक्रिया तय की है। इसके तहत- नामों का पैनल- प्रत्येक जिले में ऑब्जर्वर नियुक्त किए जाएंगे, जिन्हें जिला अध्यक्ष के लिए कम से कम छह नामों का पैनल केंद्रीय नेतृत्व को सौंपना होगा। जातिगत समीकरण का ध्यान- नामों का चयन करते समय जिले के जातिगत समीकरण, विधानसभा सीटों की सामाजिक संरचना और पार्टी की मजबूती को ध्यान में रखा जाएगा। सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन- अगर किसी जिले में किसी एक जाति का उम्मीदवार विधानसभा या लोकसभा चुनाव में प्रबल है, तो दूसरे नंबर की प्रभावशाली जाति के व्यक्ति को जिला अध्यक्ष बनाने पर विचार किया जाएगा।
टिकट बंटवारे में भूमिका- नए जिला अध्यक्षों को विधानसभा और लोकसभा चुनावों में टिकट बंटवारे की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकों में शामिल होने का अवसर मिलेगा, जहां वे अपने सुझाव दे सकेंगे। यह कदम जिला अध्यक्षों को और अधिक शक्तिशाली बनाएगा।
प्रभारी और सह-प्रभारी के सुझाव
सूत्रों के मुताबिक राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी और सह-प्रभारी ने केंद्रीय आलाकमान को सुझाव दिया है कि राजस्थान में संगठन पहले से ही अन्य राज्यों की तुलना में मजबूत स्थिति में है। इसलिए, बड़े पैमाने पर बदलाव की जरूरत नहीं है। उनके सुझाव के अनुसार- 40% जिला अध्यक्षों में बदलाव- सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान में केवल 40% जिलों में जिला अध्यक्ष बदले जाएंगे। शेष जिलों में मौजूदा नेतृत्व को बनाए रखने की सिफारिश की गई है। नए जिलों में नियुक्तियां- राजस्थान में हाल ही में बने आठ नए जिलों में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया तेज की जाएगी। इसके लिए ऑब्जर्वर अपनी तैयारियां शुरू करेंगे।
संगठन की मजबूती पर जोर- प्रभारी और सह-प्रभारी का मानना है कि राजस्थान में संगठन पहले से ही सक्रिय और प्रभावी है, इसलिए व्यापक बदलाव के बजाय लक्षित सुधारों पर ध्यान देना चाहिए।
अन्य राज्यों से तुलना
बताते चलें कि मध्य प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में संगठन सृजन अभियान के तहत बड़े पैमाने पर जिला अध्यक्ष बदले जा रहे हैं। इन राज्यों में संगठन को और अधिक मजबूत करने के लिए व्यापक बदलाव किए जा रहे हैं। वहीं, राजस्थान में संगठन की स्थिति को अपेक्षाकृत बेहतर माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, गुजरात में इस अभियान की शुरुआत 15 अप्रैल से हो चुकी है और इसके बाद राजस्थान में प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है।
संगठन सृजन अभियान का महत्व
संगठन सृजन अभियान का मुख्य उद्देश्य कांग्रेस को जमीनी स्तर पर मजबूत करना है। इसके तहत न केवल जिला अध्यक्षों की नियुक्ति होगी, बल्कि ब्लॉक, मंडल और बूथ स्तर पर भी रिक्त पदों को भरा जाएगा। राजस्थान में अगले दो महीनों में, यानी 30 जून तक, सभी रिक्त पदों को भरने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें महिला कांग्रेस, प्रकोष्ठ, विभाग और बूथ एजेंटों की नियुक्तियां शामिल हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस का यह अभियान आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर शुरू किया गया है। नए जिला अध्यक्षों को टिकट बंटवारे में महत्वपूर्ण भूमिका दी जाएगी, जिससे स्थानीय नेतृत्व को और अधिक सशक्त किया जा सके। साथ ही, संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने के लिए बूथ एजेंटों और कार्यकर्ताओं की नियुक्ति पर भी जोर दिया जा रहा है।