इसके बाद ठग भारतीय डाक के माध्यम से एक पत्र और स्क्रैच कूपन पीड़ित के पते पर भेजते हैं। जब पीड़ित कूपन स्क्रैच करता है, तो उसमें 10 से 15 लाख रुपए की नकद राशि या चौपहिया वाहन निकलने की बात बताई जाती है। फिर पत्र में दिए गए नंबर पर कॉल करवाकर ठग लॉटरी की राशि या वाहन दिलाने के नाम पर रजिस्ट्रेशन, जीएसटी, ट्रांसपोर्ट शुल्क आदि के बहाने चार्ज वसूलते हैं।