याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई
न्यायाधीश समीर जैन ने कैलाश चन्द्र शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की। राजस्थान सरकार की ओर से कहा कि मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने 28 जून को पेपरलीक मामले की जांच कर रही पुलिस की विशेष टीम (एसआइटी), कार्मिक, गृह व सांख्यिकी विभाग की रिपोर्ट्स का अध्ययन किया और भर्ती रद्द नहीं करने की सिफारिश की। कोर्ट ने सरकार के शपथ पत्र को रिकॉर्ड पर लेते हुए कहा कि जो कोई भी पक्षकार इस मामले में पक्ष रखना चाहे, वह पक्ष रख सकते हैं।हाईकोर्ट को है न्यायिक समीक्षा का अधिकार
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मेजर आर पी सिंह व अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने कहा कि सरकार अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रही है। पहले जिस उपसमिति ने भर्ती रद्द करने की सिफारिश की, अब वही गड़बड़ी को संरक्षण दे रही है। जब एक ही उपसमिति की अलग-अलग सिफारिश हैं तो हाईकोर्ट को न्यायिक समीक्षा करने का अधिकार है।राजस्थान में सीमावर्ती जिलों में तबादलों पर एक बार फिर लगा बैन, सरकारी कर्मचारी परेशान
एसआइ भर्ती एक नजर
859 अभ्यर्थियों का चयन52 प्रशिक्षु थानेदार गिरफ्तार
06 अन्य चयनित थानेदार भी गिरफ्तार, जो प्रशिक्षण में शामिल नहीं हुए
54 पेपरलीक गिरोह के सदस्य, प्रशिक्षु थानेदारों के परिजन, डमी अभ्यर्थी व अन्य लोग गिरफ्तार
09 फरार प्रशिक्षु थानेदारों की एसओजी को तलाश
300 प्रशिक्षु थानेदारों की भूमिका की संदिग्ध
02 आरपीएससी के वर्तमान व पूर्व सदस्य गिरफ्तार
पेपरलीक में मुख्य वांटेड यूनिक भांभू व सुरेश ढाका विदेश भागे, कई सदस्य भूमिगत
हरियाणा की गैंग ने भी पेपर परीक्षार्थियों तक पहुंचाया, लेकिन पकड़ से दूर
41 थानेदार जमानत पर छूटे
576 थानेदारों को हाल ही में संबंधित जिला पुलिस लाइन में भेजा
49 थानेदारों को किया जा चुका बर्खास्त।