scriptRajasthan: सीकर-नीमकाथाना के बाद इन तहसीलों पर मंडराया संकट, भजनलाल सरकार का क्या होगा फैसला? | Sikar Nechwa, Ringas and Ramgarh-Shekhawati may lose the status of Tehsil | Patrika News
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Rajasthan: सीकर-नीमकाथाना के बाद इन तहसीलों पर मंडराया संकट, भजनलाल सरकार का क्या होगा फैसला?

Sikar News: पिछली सरकार के फैसलों पर समीक्षा लगातार शेखावाटी के लोगों की चिन्ता बढ़ा रही है।

सीकरJul 03, 2025 / 01:39 pm

Anil Prajapat

cm bhajanlal sharma

Photo- CM Bhajanlal X Handle

लक्ष्मणगढ़/सीकर। पिछली सरकार के फैसलों पर समीक्षा लगातार शेखावाटी के लोगों की चिन्ता बढ़ा रही है। इस वजह से पहले सीकर संभाग व नीमकाथाना से जिले का दर्जा छिन गया। अब सरकार ने उपखंड अधिकारी व तहसील कार्यालय के पुनर्गठन की समीक्षा शुरू कर दी है। समीक्षा के बाद सरकार फैसला लेगी।
सरकार ने इसके संदर्भ में वर्ष 2007 में निर्धारित जिस गाईडलाईन का हवाला दिया है, वो अगर हूबहू लागू होती है तो जिले में नवगठित नेछवा, रींगस तथा रामगढ़-शेखावाटी से तहसील का दर्जा छिन सकता है। इस बारे में सरकार की राज्य प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन सलाहकार समिति के सचिव राजनारायण शर्मा ने जिला कलक्टर से 3 जुलाई तक अंतिम रिपोर्ट मांगी है।

तय मानदण्ड के आधार पर मांगी रिपोर्ट

राज्य प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन सलाहकार समिति के सचिव राजनारायण शर्मा की ओर से 25 जून को जिला कलक्टर को इस मामले में पत्र भेजा गया। इसमें बताया कि राजस्व मण्डल अजमेर की ओर से 19 अप्रेल 2007 को राजस्व इकाईयों (तहसील तथा उपतहसील) के सृजन तथा पुनर्गठन के लिए मानदण्ड निर्धारित किए थे। इसके अनुसार तहसील के लिए 30 पटवार मण्डल जबकि उपतहसील के लिए 15 पटवार मण्डल होने आवश्यक है।

कम पटवार मंडल, इसलिए चिन्ता

नेछवा तहसील में 15, रींगस में 16 जबकि रामगढ़-शेखावाटी में 13 पटवार मण्डल ही है। पत्र में जिला कलक्टर से इन तहसीलों को मूल इकाई (पूर्व में जिन तहसील इकाईयों में शामिल थी) में विलय किए जाने के बारे में टिप्पणी सहित रिपोर्ट 3 जुलाई तक मांगी है। इस रिपोर्ट के बाद अगर वर्ष 2007 के मानदण्डों को आधार बनाकर कार्यवाही की गई, तो जिले की नेछवा, रींगस तथा रामगढ़-शेखावाटी से तहसील का दर्जा छिनना लगभग तय है।

सीकर और नीमकाथाना में आंदोलन जारी

सीकर संभाग व नीमकाथाना को जिला बनाने की मांग को लेकर पिछले तीन महीने से आंदोलन जारी है। सीकर संभाग के मामले में जारी आंदोलन को अधिवक्ताओं के अलावा कई संगठन भी समर्थन दे चुके हैं। इस मामले में सीकर व नीमकाथाना जिला दो बार बंद भी रह चुके हैं। सूत्रों की माने तो सीकर संभाग के मामले में सरकार स्तर पर कवायद जारी है। नीमकाथाना को फिर से जिला बनाने को लेकर अभी सरकार के स्तर पर कोई महत्वाकांक्षी योजना नजर नहीं आ रही है।

यह जनविरोधी निर्णय है, जनता सबक सिखाएगी

राज्य सरकार एक ओर तो राज्य में छोटी-छोटी ग्राम पंचायतों व पंचायत समितियों का गठन कर रही है, दूसरी ओर कांग्रेस सरकार की ओर से आमजन की सुविधा के लिए बनाई गई तहसीलों व उपखंड कार्यालयों को पुनर्गठन व समीक्षा के नाम पर खत्म करने में जुटी है। यह पूर्णतया जनविरोधी निर्णय है। इसको जनता कैसे स्वीकार करेगी। जनता की कोई राय इनके लिए मायने नहीं रखती है।
-गोविंद सिंह डोटासरा, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व विधायक लक्ष्मणगढ
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इनका कहना है

अभी रिपोर्ट पर काम चल रहा है। तैयार होते ही सरकार को भिजवा दी जाएगी।
-मुकुल शर्मा, जिला कलक्टर, सीकर


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