ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के होश उड़े
ऐसे में प्रदेश में 1.26 लाख करोड़ का निवेश कम होगा। इस स्थिति के बाद उद्योग विभाग से लेकर ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के होश उड़े हुए हैं। नोडल अफसरों से लेकर उच्चाधिकारी इनसे दोबारा संपर्क कर मान-मनौव्वल में जुटे हैं। इन सभी ने राजस्थान में निवेश की इच्छा जताते हुए समिट में एमओयू किया था।किसी अधिकारी ने नहीं दिया अधिकारिक बयान
सूत्रों के मुताबिक तीन कंपनियों ने दो अलग-अलग एमओयू होने का हवाला देते हुए एक को निरस्त करने की बात कही है। वहीं, एक कंपनी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इनसे निवेश को लेकर बात हुई तो यह स्थिति सामने आई। समिट में 35 लाख करोड़ के एमओयू हुए, जिसमें सबसे ज्यादा 26 लाख करोड़ के अकेले ऊर्जा क्षेत्र में है। इस मामले में उद्योग व ऊर्जा विभाग के किसी अधिकारी ने अधिकारिक बयान नहीं दिया।राजस्थान में बिजली रेट बढ़ाएंगे या नहीं, सवाल पर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने दिया बड़ा जवाब
इन सवालों के चाहिए जवाब..
1- इन कंपनियों से एमओयू करने के लिए संपर्क किया गया था या ये खुद ही निवेश के लिए आई थीं।2- जिन अधिकारियों को इनके निवेश धरातल पर उतारने की जिमेदारी दी गई थी, उन्होंने क्या – किया।
3- जिस कंपनी की आर्थिक हालत ठीक नहीं है, क्या पहले यह जानकारी नहीं थी।
4- सीएम निवेशक कंपनियों से संपर्क में रहने के निर्देश देते रहे, तो फिर होमवर्क में कमी कैसे रह गई।
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35 लाख करोड़ के 11628 एमओयू
विभाग – निवेश – संख्या ऊर्जा – 26.07 531इंडस्ट्री – 3.28 3675
माइन्स – 1.72 1034
नगरीय विकास – 1.21 637
पर्यटन – 0.74 1156
कृषि – 0.55 2424
शिक्षा – 0.48 569
चिकित्सा – 0.37 389
डीओआईटी – 0.19 108
एविएशन – 0.11 9
स्वायत्त शासन – 0.08 51
अन्य – 0.18 57
*निवेश लाख करोड़ रु.
किसी भी कंपनी ने हमें मना नहीं किया
किसी भी कंपनी ने हमें मना नहीं किया है। ऊर्जा विभाग ही बता सकता है।अजिताभ शर्मा, प्रमुख सचिव, उद्योग विभाग