दावा किया जा रहा है कि बैटरी स्टोरेज से बिजली पीक ऑवर्स में काम आएगी, जिसमें एक्सचेंज से महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है। इससे सालाना करीब 365 करोड़ रुपए की बचत होगी। निगम के सीएमडी देवेन्द्र शृंगी के मुताबिक राज्य सरकार ने वर्ष 2028-29 तक प्रदेश में 18.5 गीगावाट ऑवर की बैटरी एनर्जी स्टोरेज क्षमता विकसित करने की योजना बनाई गई है।
बैटरी एनर्जी स्टोरेज में राजस्थान देश में हब बनने की दिशा में बढ़ रहा है। विद्युत मंत्रालय प्रति मेगावाट-ऑवर 27 लाख रुपए वायबिलिटी गेप फंड देगा। इसके अलावा एनटीपीसी के जरिए भी 1 हजार मेगावाट के प्रोजेक्ट के लिए निविदा जारी की गई है। प्रदेश में करीब 2 हजार करोड़ का निवेश होगा। –हीरालाल नागर, ऊर्जा मंत्री