राजस्थान सरकार जल्द शुरू करेगी ‘चलता-फिरता विद्यालय’, जानें किसे मिलेगा फायदा
Rajasthan News : शिक्षा विभाग की नई योजना। राजस्थान में घुमंतू जाति के बच्चों के लिए “चलता-फिरता विद्यालय” खोलने की योजना बनाई जा रही है। अभी इस पर विचार चल रहा है। जानें किसे मिलेगा फायदा…
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के सोशल मीडिया अकांउट X की फोटो। साभार
Rajasthan News : राजस्थान में शिक्षा विभाग की नई योजना। प्रदेश में करीब 70 हजार सरकारी स्कूल हैं। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के हर कोने में हर बच्चे को शिक्षा मिल सके। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग नई योजना बना रहा है। राजस्थान में घुमंतू जाति के बच्चों के लिए चलता-फिरता विद्यालय यानि ‘चल विद्यालय’ खोलने की योजना पर अभी विचार चल रहा है।
भजनलाल सरकार का मकसद है कि ‘चल विद्यालय’ के जरिए उन विद्यार्थियों तक पहुंच बनाई जाएगी, जो घुमंतु जातियों से हैं। इन विद्यालयों में प्राथमिकता के आधार पर घुमंतु जाति के बच्चों को प्रवेश देकर उनके ही स्थान पर विद्यालय की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ताकि वो शिक्षा से जुड़कर अपना भविष्य बना सकें।
एक जगह पर 20 बच्चे मिलना है शर्त
राजस्थान में घुमंतू लोग एक जगह से दूसरी जगह चलते फिरते रहते हैं। बताया जा रहा है इस योजना को मूर्त रुप देने के लिए जरूरी है कि एक जगह पर 20 बच्चे मिल जाए। यदि ऐसा होगा तो सरकार एक चलता-फिरता विद्यालय बनाने पर विचार कर रही है। जहां घुमंतू जाति के बच्चे पढ़ लिख सके। जहां भी उनका कबीला या बेड़ा रुकेगा, वहीं विद्यालय भी रुक जाएगा और उन्हें पढ़ाएगा ताकि बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान ना आए।
ड्रॉप आउट छात्रों की संख्या में आएगी गिरावट
सरकार की सोच है कि इस पहल से ड्रॉप आउट छात्रों की संख्या में भारी गिरावट आएगी।हालांकि प्रदेश में वर्तमान में निजी स्कूलों से ज्यादा छात्र सरकारी स्कूल में पढ़ रहे हैं।
राजस्थानी मूल के प्रवासियों से कहा बनें भामाशाह
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर 20 अप्रेल कर चेन्नई दौरे पर थे। जहां उन्होंने राजस्थानी मूल के प्रवासियों से इस योजना में भामाशाह बनकर आगे आने को कहा। वहीं प्रवासियों ने भी चल विद्यालय खोलने में हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।