राजस्थान हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, कहा- स्कूलों में कला शिक्षकों की भर्ती के लिए क्या कर रही सरकार
Rajasthan News : राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कला शिक्षकों की भर्ती के बारे में कार्ययोजना पेश करने के लिए राज्य सरकार को अंतिम अवसर दिया।
Rajasthan News : राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कला शिक्षकों की भर्ती के बारे में कार्ययोजना पेश करने के लिए राज्य सरकार को अंतिम अवसर दिया। साथ ही मौखिक टिप्पणी की है कि बच्चे देश के भविष्य हैं। उन्हें चित्रकला-संगीत कला से वंचित नहीं रख सकते।
मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव व न्यायाधीश मुकेश राजपुरोहित की खंडपीठ ने विमल शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान सरकार की ओर से आदेश की पालना के लिए समय मांगा गया, जिस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा पांच माह से ज्यादा समय हो गया। अब तक सरकार का प्लान आ जाना चाहिए था। अब सरकार को अंतिम मौका दिया जा रहा है, इसकी पालना की जाए।
70 हजार स्कूलों में विशेषज्ञ शिक्षक नहीं
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कोर्ट को बताया कि शिक्षा का अधिकार के तहत हर स्कूल में चित्रकला और संगीत कला विषय अनिवार्य है। इसके बावजूद प्रदेश के करीब 70 हजार स्कूलों में कला शिक्षा के लिए विशेषज्ञ शिक्षक नहीं हैं। इस विषय को पढ़ाने का कार्य अन्य विषयों के शिक्षकों को सौंप रखा है।
बच्चों के रचनात्मक और मानसिक विकास के लिए कला शिक्षा जरूरी
तनवीर अहमद ने कोर्ट को आगे बताया कि कला शिक्षा बच्चों के रचनात्मक और मानसिक विकास के लिए जरूरी है। इसके अभाव में बच्चों में मानसिक तनाव और हिंसात्मक प्रवृत्ति बढ़ रही है। कला शिक्षा के लिए पुस्तकों का प्रकाशन तक नहीं किया जा रहा। पिछली सुनवाई पर कोर्ट कह चुका कि कला शिक्षा अनिवार्य है तो स्कूलों में इसके शिक्षकों की भी नियुक्ति की जाए।