‘कॉलेज शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु क्यों न 65 वर्ष कर दी जाए’, राजस्थान हाईकोर्ट ने जारी किए नोटिस
Rajasthan High Court Order : राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, विधि व उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, कॉलेज शिक्षा आयुक्त और यूजीसी चेयरमैन को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न कॉलेज शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष कर दी जाए?
Rajasthan High Court Order : राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, विधि व उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, कॉलेज शिक्षा आयुक्त और यूजीसी चेयरमैन को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न कॉलेज शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष कर दी जाए?
राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह व न्यायाधीश आनंद शर्मा की खंडपीठ ने भरतपुर के एम एस जे कॉलेज के प्रोफेसर अशोक कुमार अग्रवाल, करौली कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विश्राम लाल बैरवा और प्रोफेसर नाथू सिंह राजपूत व भोलाराम शर्मा की याचिका पर सोमवार को यह आदेश दिया।
प्रार्थीपक्ष की ओर से से पेश किया तर्क
प्रार्थीपक्ष की ओर से अधिवक्ता सुप्रिय व अक्षय दत्त शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग व केन्द्र सरकार कॉलेज शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने के लिए प्रावधान कर चकी है। प्रदेश में मेडिकल शिक्षकों के लिए सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाई जा चुकी है।
20 राज्यों में कॉलेज शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष
अधिवक्ता सुप्रिय व अक्षय दत्त शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, बिहार सहित करीब 20 राज्यों में कॉलेज शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष है। ऐसे में राजस्थान में कॉलेज शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष नहीं करना संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है।
प्रदेश में कॉलेज शिक्षकों की भारी कमी
अधिवक्ता सुप्रिय व अक्षय दत्त शर्मा ने बताया कि प्रदेश में कॉलेज शिक्षकों की भारी कमी है। इसके कारण नियमित महाविद्यालयों, राजमेस के जरिए संचालित महाविद्यालयों व कृषि महाविद्यालयों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली हैं, जिसका शैक्षणिक व्यवस्था पर भी प्रभाव हो रहा है।