बैठक में प्रस्तावित सत्रों, राउंड टेबल चर्चाओं और बिजनेस एक्सपो के आयोजन पर मंथन किया गया। इसके साथ ही 10 दिसंबर को आयोजित होने वाले प्रवासी राजस्थानी दिवस पर भी व्यापक योजना बनाई गई।
प्रमुख सचिव शर्मा ने बताया कि यह कॉन्क्लेव राज्य सरकार और निजी क्षेत्र के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने, निवेश प्रस्तावों के धरातल पर क्रियान्वयन और उनके सामाजिक-आर्थिक प्रभाव को उजागर करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह मंच राजस्थान को उद्योग व निवेश के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगा।
सम्मेलन में बुनियादी ढांचा, आईटी, खनन, डीप-टेक, कौशल विकास, बैंकिंग-बीमा, वैश्विक क्षमता केंद्र, स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण जैसे क्षेत्रों की निवेश योग्य परियोजनाएं प्रस्तुत की जाएंगी। इन परियोजनाओं में निजी क्षेत्र के साथ सह-निर्माण की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
बैठक में उद्योग और वाणिज्य आयुक्त रोहित गुप्ता, निवेश संवर्धन ब्यूरो और रीको के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। गौरतलब है कि ‘राइजिंग राजस्थान 2024’ के दौरान राज्य सरकार ने 35 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड निवेश प्रस्तावों पर एमओयू किए थे। मार्च 2025 के इम्पैक्ट 1.0 कार्यक्रम में यह जानकारी दी गई थी कि इनमें से 3.08 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएं पहले ही ज़मीन पर उतर चुकी हैं।
‘राइजिंगराजस्थान: पार्टनरशिप कॉन्क्लेव2025’ इन प्रगति प्राप्त परियोजनाओं को प्रदर्शित करने के साथ-साथ राज्य को निवेशकों के लिए पसंदीदा गंतव्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।