पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि भाजपा बालिका शिक्षा का गला घोंट रही है। उन्होंने कहा कि अच्छी नामांकन संख्या वाले स्कूलों को बन्द करना भाजपा की महिला शिक्षा पर सर्जिकल स्ट्राइक है। इनका छुपा हुआ एजेंडा सामने आ रहा है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने बालिकाओं के ड्रॉप आउट रेट को कम करने के लिए कम नामांकन होने पर भी स्कूलों को चालू रखा, जिससे एक भी बच्ची को पढ़ाई न छोड़नी पड़े।
कांग्रेस का आरोप निराधार
वहीं, उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि स्कूल बंद नहीं किए हैं। शून्य नामांकन वाले और एक ही परिसर में चलने वाले विद्यालयों को सुव्यस्थित अध्ययन तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दृष्टि से मर्ज किया गया है। कांग्रेस का आरोप निराधार है। एक भी स्कूल बंद नहीं किया- दिलावर
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि एक भी स्कूल बंद नहीं किया, बल्कि समन्वित किए हैं। कांग्रेस भ्रामक प्रचार कर रही है। उन्होंने कहा कि एक ही परिसर में दो-दो स्कूल चल रहे थे या आसपास के क्षेत्र में ही दो स्कूल संचालित थे। ऐसे स्कूलों को समायोजित कर एक किया है। इससे स्कूल के संसाधनों का सदुपयोग हो सकेगा। इनमें कुछ स्कूल ऐसे भी थे, जिनमें नामांकन शून्य या बहुत कम था। इन कम नामांकन वाले स्कूलों में पद स्थापित शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में समायोजित किया गया।
कांग्रेसियों को पढ़ने और सीखने की जरूरत- तिवाड़ी
भाजपा सांसद और पूर्व शिक्षा मंत्री घनश्याम तिवाड़ी ने कहा है कि कांग्रेसियों को पढ़ने और सीखने की जरूरत है। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के साथ प्रदेश के नेता भी अज्ञानता पूर्ण बयानबाजी कर रहे हैं। कांग्रेसी नेता कह रहे हैं कि भाजपा सरकार ने स्कूलों को बंद कर दिया, जबकि राज्य सरकार ने एक भी स्कूल बंद नहीं किया है। भाजपा सरकार ने शून्य नामांकन वाले स्कूलों को नजदीक के स्कूल में मर्ज किया है। तिवाड़ी ने शनिवार शाम भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से यह बात कही।