वित्त नियंत्रक के अनुसार, एआई सर्विस नामक फर्म के माध्यम से एक भूतपूर्व सैनिक को 39,930 रुपए प्रतिमाह के मान से एक वर्ष और आगामी आदेश तक नियुक्त करने की स्वीकृति दी गई। जबकि इस फर्म से किसी प्रकार का वैध अनुबंध नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय में आवश्यकतानुसार भूतपूर्व सैनिकों की सेवाएं केवल राजस्थान भूतपूर्व सैनिक निगम लिमिटेड (रेक्सको) के माध्यम से ली जाती रही हैं।
राजस्थान यूनिवर्सिटी का कमाल, परीक्षा दे रहे छात्र प्रश्न पत्र देखकर चौंके, मचा हड़कम्प
व्यवस्था की हो उच्च स्तरीय समीक्षा
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लगातार शिकायतें मिलने के चलते वित्त नियंत्रक ने कुछ सुझाव दिए हैं। भूतपूर्व सैनिकों की सेवाओं की आवश्यकता की सक्षम स्तर से समीक्षा की जाए। गैर-भूतपूर्व सैनिकों की नियुक्ति रोकने के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की जाए। सुरक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। सुरक्षाकर्मियों को लगाने के नाम पर कई गड़बड़ियां सामने आई थीं। इसे लेकर एक यूओ नोट रजिस्ट्रार को भेजा था। कुलगुरु को भी इसकी प्रति भेजी है।
-सुमेर सिंह, नियंत्रक वित्त एवं वित्तीय सलाहकार, राजस्थान यूनिवर्सिटी
तत्कालीन कुलसचिव ने भी उजागर किया भ्रष्टाचार
यूओ नोट में उल्लेख है कि तत्कालीन कुलसचिव की ओर से भी नियुक्तियों में फर्जीवाड़ा सामने लाया गया था। आरोप है कि रेक्सको के नाम पर गैर-भूतपूर्व सैनिकों की नियुक्ति कर वित्तीय भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इस पूरी व्यवस्था के कारण विश्वविद्यालय पर ढाई करोड़ रुपए से अधिक का वित्तीय भार आ रहा है, बावजूद इसके सुरक्षा व्यवस्था प्रभावी नहीं है।