क्या है च्यवनप्राश कंट्रोवर्सी?
पतंजलि और डाबर के बीच यह च्यवनप्राश कंट्रोवर्सी एक टीवी विज्ञापन के बाद शुरू हुई है। पतंजलि का एक विज्ञापन है, जिसमें बाबा रामदेव कथित रूप से बाजार में मौजूद दूसरे च्यवनप्राश प्रोडक्ट्स की प्रमाणिकता पर सवाल उठाते दिख रहे हैं। इस विज्ञापन में वे कहते हैं, ‘जिनको आयुर्वेद और वेदों का ज्ञान नहीं, वे चरक, सुश्रुत, धनवंतरी और च्यवनऋषि की परंपरा में ऑरिजनल च्यवनप्राश कैसे बना पाएंगे?’ डाबर ने पतंजलि के विज्ञापन के उन हिस्सों पर भी आपत्ति जताई, जिसमें 40 जड़ी-बूटियों वाले च्यवनप्राश को ‘साधारण’ बताया गया था।
डाबर ने क्या कहा?
डाबर ने पतंजलि के विज्ञापन पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ’40+ जड़ी-बूटियों’ को टैग करना डाबर के प्रोडक्ट का सीधा संदर्भ है। डाबर ने कहा कि यह विज्ञापन गुमराह करने वाला था। यह एक ऐसी प्रोडक्ट कैटेगरी में ग्राहकों के भरोसे के कम करता है, जो काफी अधिक रेगुलेटेड है। डाबर ने तर्क दिया कि च्यवनप्राश एक शास्त्रीय आयुर्वेदिक फॉर्मूला है, जो ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट द्वारा शासित है। इसे बनाने में प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों पर बेस्ड फॉर्मूलों को फॉलो करना अनिवार्य है।
डाबर ने कहा- पतंजलि आदतन अपराधी है
डाबर ने कहा कि पतंजलि द्वारा दूसरे ब्रांड्स को ‘साधारण’ के रूप में लेबल करना ग्राहकों को गुमराह करने वाला काम है। डाबर ने आगे कहा, ‘विज्ञापन से यह संकेत मिलता है कि गैर-पतंजलि प्रोडक्ट्स का यूज करने से संभावित स्वास्थ्य संबंधी खतरे हो सकते हैं, जिससे पब्लिक सेफ्टी को खतरा है।’ डाबर ने अपनी याचिका में इसी तरह के एडवर्टाइजिंग कंडक्ट के लिए पतंजलि के खिलाफ आए पुराने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी हवाला दिया। डाबर ने तर्क देते हुए कहा कि कंपनी आदतन अपराधी है। 1884 में हुई थी डाबर की स्थापना
डाबर इंडिया एक इंडियन मल्टीनेशनल कंज्यूमर गुड्स कंपनी है। इसका मुख्यालय गाजियाबाद में है। इसकी स्थापना साल 1884 में कोलकाता में आयुर्वेदिक प्रैक्टिशनर एस के बर्मन ने की थी। डाबर इंडिया के पास डाबर आंवला, डाबर वाटिका, डाबर च्यवनप्राश, डाबर हनी, होनिटस, पुदीनहारा, डाबर लाल तेल और जूस ब्रांड रियल जैसे ब्रांड हैं। डाबर इंडिया ने 31 मार्च 2025 को समाप्त हुई तिमाही में 8.35 फीसदी की गिरावट के साथ 312.73 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध मुनाफा दर्ज किया था। डाबर की च्यवनप्राश मार्केट में 60 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी है।