राजस्थान में विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना का हाल बुरा, छात्रों का अब क्या होगा भविष्य?
Vivekananda Scholarship Scheme : राजस्थान में विदेश में शिक्षा का सपना देख रहे छात्रों को अब सरकार की विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना से धोखा मिल रहा है। छात्र मायूस हैं। अब सवाल है कि इन छात्रों का क्या होगा भविष्य?
Vivekananda Scholarship Scheme : राजस्थान में विदेश में शिक्षा का सपना देख रहे छात्रों को अब सरकार की विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना से धोखा मिल रहा है। कॉलेज आयुक्तालय की ओर से सत्र 24-25 के आवेदन तो मांग लिए, लेकिन अभी तक योजना में चयनितों की सूची जारी नहीं हो पाई है। इसका असर विदेश में शिक्षा का इंतजार कर रहे छात्रों पर पड़ रहा है। छात्रों ने यूनिवर्सिटी में प्रवेश तो ले लिया, लेकिन सूची जारी नहीं होने के कारण छात्र स्कॉलरशिप से वंचित हो रहे हैं। आलम यह है कि छात्रों के सेशन लेट हो रहे हैं। दो सेशन निकल जाने के बाद छात्र यूनिवर्सिटी से दो बार डेफर लेटर मांग चुके। अब कॉलेज आयुक्तालय की ओर से सूची जारी नहीं होने के कारण छात्र तीसरी बार यूनिवर्सिटी से डेफर मांग रहे हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी हाथ खड़े कर रही है। इससे छात्रों का भविष्य अधर में है।
कॉलेज आयुक्तालय में विवेकानंद स्कॉलरशिप योजना के लिए अलग से शाखा बना रखी है। इतना ही नहीं, डेपुटेशन पर स्टाफ लगाया हुुआ है। इसके बावजूद आयुक्तालय की ओर से सूची जारी नहीं की जा रही है। सूची जारी नहीं होने के कारण छात्र आयुक्तालय मेें चक्कर लगा रहे हैं। इस पर भी उन्हें जवाब नहीं दिया जा रहा है। छात्र परेशान हो रहे हैं। आयुक्तालय ने समस्या समाधान के लिए कोई हेल्पलाइन नंबर भी जारी नहीं कर रखे हैं।
500 की योजना बदली अब 300 ही शामिल
दरअसल, पिछली कांग्रेस सरकार ने राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस के नाम से योजना की शुरुआत की थी। लेकिन भाजपा सरकार ने आने के बाद योजना का नाम बदल दिया। इतना ही नहीं, 500 बच्चों की जगह विदेश में शिक्षा का दायरा घटाकर 300 कर दिया। 200 छात्रों को देश के ही नामी संस्थानों में नि:शुल्क पढ़ाने का निर्णय लिया। योजना के तहत सत्र 2024-25 के आवेदन मांगे गए थे। पिछले साल यह सूची जारी होने वाली थी। 2025 आने के बाद भी सरकार ने योजना के तहत प्रक्रिया शुरू नहीं की।
इधर, पिछले सत्र में जिन बच्चों का चयन योजना में किया गया और जो छात्र विदेश जा चुके। उन्हें समय पर स्कॉलरशिप का भुगतान नहीं मिल रहा है। कई ऐसे हैं जिनका यूनिवर्सिटी में भुगतान नहीं पहुंचा। ऐसे में अभिभावक कर्ज लेकर छात्रों को पढ़ा रहे हैं। इसके कारण छात्रों के सामने पढ़ाई और खर्चा चलाने का संकट पैदा हो रहा है। छात्रों को फीस के साथ रहने का खर्चा भी दिया जाता है।