Ramgarh Dam:50 साल पहले लबालब था बांध,वैसा पानी फिर नहीं दिखा, 1996 तक चलती थीं नावें
जयपुर के रामगढ़ बांध की दुर्दशा देखकर जयपुर और जमवारामगढ़ के साथ आस-पास के गांवों के लोग चिंतित हैं। कई लोगों ने बांध को भरा हुआ और बांध के आस-पास का माहौल देखा है। वर्ष 1996 के बाद धीरे-धीरे बांध में पानी की आवक कम हो गई और साल 2000 के बाद पानी नहीं आया। वर्ष 2005 में बांध पूरी तरह से सूख गया।
Rajasthan News: रामगढ़ बांध की दुर्दशा देखकर जयपुर और जमवारामगढ़ के साथ आस-पास के गांवों के लोग चिंतित हैं। कई लोगों ने बांध को भरा हुआ और बांध के आस-पास का माहौल देखा है। थली गांव निवासी किशनलाल मीना ने बताया कि 1981 में बांध में नौकायन प्रतियोगिता हुई। इसके बाद बांध में स्थानीय स्तर पर भी नाव चलना शुरू हुई और आस-पास के लोगों को रोजगार का नया जरिया मिल गया। 1996 में दोस्तों के साथ बांध में नाव की सवारी की।
उन्होंने कहा कि बांध की पाल के आस-पास उस समय 25 से 30 बरगद और गूलर के विशाल पेड़ थे। यहां विदेशी पर्यटक खूब आते थे और स्थानीय लोग उन्हें इन पेड़ों पर झूला झुलाते थे। इससे सुबह से शाम तक उनकी अच्छी आय होती थी। खास बात यह भी थी कि मई-जून की भीषण गर्मी में बांध के एक किलोमीटर के दायरे में तापमान कम रहता था। वर्ष 1996 के बाद तेजी से बांध के हालात बदले और बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण हो गए। धीरे-धीरे बांध में पानी की आवक कम हो गई और साल 2000 के बाद पानी नहीं आया। वर्ष 2005 में बांध पूरी तरह से सूख गया।
सेना के विमान ने लगाया था चक्कर
बांध में एक मंजिल तक पानी था। वर्ष 1982 में एशियाड खेलों के तहत बांध में नौकायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इसके फोटो के लिए दिल्ली से सेना के हवाई जहाज से आया था। दिल्ली लौटते समय पायलट ने विशेष अनुरोध पर बांध के ऊपर एक चक्कर लगाया था। इस दौरान बांध के कई फोटोज क्लिक किए थे। एशियाड खेलों के दौरान नौकायन और बांध की फोटो क्लिक करना कभी न भूलने वाला पल था। एशियाड खेलों के दौरान एक बड़ी फोटो राजस्थान पत्रिका के प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित हुई थी। उसके बाद नियमित रूप से मेरी फोटो राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित होने लगी।
पहाड़ पर चढ़कर खींचा था बांध का फोटो
वरिष्ठ फोटो पत्रकार कमल जुल्का ने रामगढ़ बांध का पहला फोटो अगस्त 1975 में खींचा था। उन्होंने बताया कि उस समय जितना पानी अब तक बांध में कभी नहीं देखा। वो फोटो पहाड़ के ऊपर से लिया था। पहाड़ पर चढऩे की वजह के बारे में उन्होंने बताया कि पानी का बहाव इतना तेज था कि रास्ता रोक दिया गया था। ऐसे में हम ने पहाड़ पर जाकर फोटो खींचा।
क्या से क्या कर दिया
जुल्का ने कहा कि बांध की मौजूदा स्थिति देखता हूं तो लगता है कि क्या से क्या कर दिया? अनदेखी के कारण बांध में पानी आना बंद हो गया। बहाव क्षेत्र में अवैध निर्माण हो गए। रही-सही कसर नेताओं ने पूरी कर दी। धीरे-धीरे अवैध निर्माण होते गए और अब स्थिति यह है कि बरसात के दिनों में बांध में पानी ही नहीं आता। जानवर घूमते नजर आते हैं।