बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़, फोटो- राजस्थान बीजेपी
RAS Mains Exam 2025: राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा आयोजित होने वाली राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) मुख्य परीक्षा 2024 को स्थगित करने की मांग को लेकर मामला अब राजस्थान हाईकोर्ट पहुंच गया है। अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 17 और 18 जून को होने वाली RAS मेन्स परीक्षा को स्थगित करने की मांग की है।
इस याचिका में कहा गया है कि RAS भर्ती 2023 का अंतिम परिणाम जारी होने से पहले 2024 की मुख्य परीक्षा आयोजित करना नियमों के खिलाफ है। अवकाशकालीन जज जस्टिस मनीष शर्मा की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई है। बता दें, 14 जून को RPSC ने RAS मुख्य परीक्षा 2024 के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं।
हाईकोर्ट में केविएट दायर
दूसरी ओर, RPSC ने एहतियातन हाईकोर्ट में केविएट दायर की है, ताकि अभ्यर्थियों की याचिका पर कोई एकपक्षीय निर्णय न हो। RPSC को आशंका है कि परीक्षार्थी परीक्षा तिथि आगे बढ़ाने के लिए कोर्ट का रुख कर सकते हैं। इस केविएट के कारण कोर्ट अब दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही कोई फैसला लेगा। ऐसे में 17 जून से शुरू होने वाली परीक्षा का आयोजन लगभग तय माना जा रहा है।
इसी बीच, भाजपा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने जयपुर में भाजपा प्रदेश मुख्यालय में प्रेस वार्ता की। RAS मेन्स स्थगन को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। राठौड़ ने कहा कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने RAS भर्ती के मामले को सक्षम स्तर तक पहुंचा दिया है। वे विद्यार्थियों की चिंता को लेकर गंभीर हैं। नए RPSC चेयरमैन आए हैं, वे समय पर निर्णय लेंगे।
अभ्यर्थियों की तैयारी प्रभावित
उधर, अभ्यर्थियों का कहना है कि RAS 2023 का अंतिम परिणाम लंबित होने से उनकी तैयारी प्रभावित हो रही है। उनकी मांग है कि 2023 की भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही 2024 की मेन्स परीक्षा आयोजित की जाए। हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई और RPSC की केविएट ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। अब सभी की निगाहें कोर्ट के अगले फैसले और RPSC के कदमों पर टिकी हैं।
मोदी सरकार की गिनाई उपलब्धियां
राठौड़ ने सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि भजनलाल सरकार ने ‘संकल्प से सिद्धि’ तक का सफर तय किया है। राठौड़ ने केंद्र और राज्य सरकार की डबल इंजन नीति की तारीफ की। उन्होंने कहा कि हाल ही में रद्द किए गए सिंधु जल समझौते से राजस्थान, पंजाब और गुजरात को लाभ होगा। सिंधु और चिनाब का पानी हर के बैराज तक पहुंचेगा, जिससे राजस्थान के INGP क्षेत्र में सिंचाई को बढ़ावा मिलेगा। इससे राजस्थान की अर्थव्यवस्था 350 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है।