मजबूरन खरीदनी पड़ती है डाक्टर की लिखी दवाएं
इस आदेश से सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। परेशान पेंशनर्स ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि निजी अस्पतालों के डॉक्टर पर्ची पर ब्रांडेड दवा लिखते हैं। वह दवा आरजीएचएस दुकान पर उपलब्ध नहीं है तो उसे मजबूरन पैसे देकर डॉक्टर के लिखे ब्रांड की ही दवा खरीदनी पड़ रही है।पेंशनर को निजी दुकान से खरीदनी पड़ी दवा
मानसरोवर के एक निजी अस्पताल में शनिवार को पेंशनर को डॉक्टर ने ब्रांडेड दवा लिख दी। आरजीएचएस दुकान पर दवा लेने के लिए गए। पत्रिका संवाददाता को उन्होंने बताया कि वहां दवा नहीं मिली तो उन्होंने निजी दुकान से पैसे देकर खरीदी।JDA की मार्च में लॉन्च होगी 4 नई आवासीय व फार्म हाउस योजना, भजनलाल सरकार से हरी झंडी का इंतजार
कुछ ब्रांडेड कंपनियों को ही फायदा
इस आदेश से कुछ ब्रांडेड कंपनियों को ही फायदा होना तय माना जा रहा है। चिकित्सक की लिखी ब्रांडेड दवा की बाध्यता से कुछ कंपनियां इसका फायदा उठा रही है। आरजीएचएस दवा विक्रेता को भी मजबूरन वही ब्रांडेड दवा अपनी दुकान पर रखनी होगी, जो कि चिकित्सक पर्ची पर लिख रहे हैं।Weather Update : राजस्थान में अंधड संग हुई बारिश-ओलावृष्टि से लौटी ठंड, जानें मौसम विभाग का नया Prediction
उसी अस्पताल से नहीं ली तो बाहर मिलना मुश्किल
पर्ची पर लिखी ब्रांडेड दवा ही देने की बाध्यता से मरीज को मजबूरन उसी अस्पताल के फार्मेसी स्टोर से दवा लेनी पड़ रही है। योजना के तहत जयपुर सहित बड़े शहरों में ग्रामीण इलाकों से भी मरीज आते हैं। उनके लिए शहर से बाहर या अस्पताल से दूर के दवा स्टोर से दवा लेना मुश्किल हो रहा है।Jaipur-Bandikui Expressway : बस करें थोड़ा इंतजार, अब जयपुर से दिल्ली दूर नहीं, साढ़े तीन घंटे का होगा सफर
अधिकारी से सवाल- पेंशनर को लिखा हुआ ब्रांड नहीं मिला तो विक्रेता समान सॉल्ट की दूसरी नहीं दे सकता?यह मिला जवाब- दूसरी क्यों? पेंशनर जाकर दूसरी लिखवा ले, डॉक्टर को फोन कर ले
परियोजना अधिकारी शिप्रा विक्रम से सवाल-जवाब
Q- दवा का सब्स्टीट्यूट देने का विकल्प क्यों नहीं?जवाब- वह ब्रांड नहीं है तो डॉक्टर से दूसरी दवा लिखवा ले, फोन कर लें।
Q- डॉक्टर के पास वापस जाना, फोन करने पर रेस्पांस मिलना आसान है?
जवाब- निजी अस्पताल भी चाहते हो, तो, अब कुछ तो करना ही पड़ेगा न।
Q- भुगतान नहीं हो रहा RGHS दवा विक्रेताओं को?
जवाब- बजट सत्र तो अभी चल रहा है, बजट तो आया है ना अभी।
Q- अक्टूबर के बाद से ही बजट नहीं आया क्या?
जवाब- कई का तो कई कारणों से रोका गया होगा, ये पूरी बात नहीं बताते।