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जूते उतारकर दिए गए रामास्वामी के इंटरव्यू पर विवाद, एशियाई बोले- ये हमारी संस्कृति

वाशिंगटन. भारतीय मूल के टेक उद्यमी और अमरीका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रह चुके विवेक रामास्वामी एक पुराने वीडियो के कारण विवादों में घिर गए हैं। यह वीडियो पिछले साल एक लाइव स्ट्रीम के दौरान रिकॉर्ड किया गया था, जिसमें वे अपने घर में नंगे पैर इंटरव्यू देते हुए नजर आ रहे हैं। इस […]

जयपुरMar 03, 2025 / 11:22 pm

Nitin Kumar

वाशिंगटन. भारतीय मूल के टेक उद्यमी और अमरीका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रह चुके विवेक रामास्वामी एक पुराने वीडियो के कारण विवादों में घिर गए हैं। यह वीडियो पिछले साल एक लाइव स्ट्रीम के दौरान रिकॉर्ड किया गया था, जिसमें वे अपने घर में नंगे पैर इंटरव्यू देते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो के वायरल होने पर विवेक रामास्वामी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। आलोचकों ने उनके इस व्यवहार को ‘असभ्य और ‘एंटी-अमेरिकन करार दिया। रामास्वामी ने खुद इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘यह अमरीका है, दोस्तों। मैं अपने घर में जब चाहूं, जूते उतार सकता हूं।
टिप्पणीकार चोंग ने किया बचाव

टिप्पणीकार इयान माइलेज चोंग ने 39 वर्षीय उद्यमी का बचाव किया है और इस विवाद को ‘सबसे बेवकूफी भरी बहस बताया है। चोंग ने कहा कि अपने ही घर में नंगे पैर रहना ‘एंटी-अमेरिकन नहीं हो सकता। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, ‘शायद बहुत से लोग ऐसे सिटकॉम देखकर बड़े हुए हैं, जहां लोग बिस्तर में भी जूते पहनकर जाते हैं।
‘कम से कम मोजे तो पहन सकते हैं’

चोंग के बचाव के बावजूद सोशल मीडिया पर विवेक रामास्वामी की आलोचना जारी रही। एक यूजर ने कहा, ‘विवेक कभी ओहायो के गवर्नर नहीं बन पाएंगे। यह अमरीका के लिए अस्वीकार्य है।दूसरे यूजर ने टिप्पणी की, ‘अगर आप दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश का नेतृत्व करने की भूमिका के लिए इंटरव्यू दे रहे हैं, तो कम से कम मोजे तो पहन सकते हैं, है ना?तीसरे ने उनके व्यवहार को “असभ्य बताया और कहा कि ‘शिक्षा जैसे गंभीर विषय पर चर्चा के दौरान नंगे पैर रहना गलत संदेश देता है।
‘एशियाई परिवारों में सांस्कृतिक परंपरा’

हालांकि, कई लोगों ने रामास्वामी का समर्थन भी किया और कहा कि घर में जूते उतारना कई एशियाई परिवारों में एक सांस्कृतिक परंपरा है। एक यूजर ने लिखा, ‘लगभग सभी भारतीय अपने घरों में नंगे पैर रहते हैं। यह एक सांस्कृतिक परंपरा है—इसमें कुछ भी गलत नहीं है।दूसरे ने जोड़ा, ‘भारतीय परंपरा में घर में प्रवेश से पहले जूते उतारना सम्मान और स्वच्छता का प्रतीक है, जिससे बाहरी गंदगी और कीटाणु दूर रहते हैं।
गैर-एशियाई लोगों को संस्कृति बदलने की जरूरत: इवर्सन

राजनीतिक टिप्पणीकार किम इवर्सन ने भी इस बहस में हिस्सा लिया और कहा, ‘मुझे समझ में आता है कि यह एक सांस्कृतिक ची है, लेकिन जो गैर-एशियाई लोग घर में जूते पहनते हैं, उन्हें अपनी संस्कृति बदलने की जरूरत है। उन्होंने यह भी साझा किया कि उनके अपने घर में जूते और यहां तक कि मोजे भी प्रतिबंधित हैं, क्योंकि लकड़ी के फर्श पर फिसलने का खतरा रहता है।

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