उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि कॉन्क्लेव के माध्यम से सिटी टू सिटी, स्टेट टू स्टेट और इन्डस्ट्री टू इन्डस्ट्री मॉडल पर सहयोग विकसित किया जाए, जिससे प्रदेश के विकास को नई दिशा मिल सके।
यह आयोजन 2026 में प्रस्तावित अगले ग्लोबल समिट के लिए भी एक विजन दस्तावेज पेश करेगा। साथ ही, उन्होंने सभी विभागों से नवंबर 2025 तक हस्ताक्षरित एमओयू की ग्राउंड ब्रेकिंग रिपोर्ट विभागवार तैयार करने के निर्देश दिए।
यह कॉन्क्लेव निवेश योग्य परियोजनाओं पर केंद्रित रणनीति के साथ राजस्थान को विकसित राज्य बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। इसके माध्यम से ‘राइजिंग राजस्थान’ की प्रगति का वैश्विक स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा।