दरअसल, यह बैठक राजस्थान में पार्टी की स्थिति को सुदृढ़ करने, आंतरिक मतभेदों को सुलझाने और आगामी पंचातयती राज और निकाय चुनावों सहित भविष्य की रणनीतियों पर विचार-विमर्श और निर्णय की और बढ़ने के लिए बुलाई गई है।
बैठक का क्या होगा मुख्य एजेंडा?
सूत्रों के मुताबिक बैठक का मुख्य एजेंडा राजस्थान में संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करना, कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बढ़ाना और हाल के राजनीतिक घटनाक्रमों पर पार्टी की रणनीति तय करना है। बैठक में संगठन के पुनर्गठन, कार्यकर्ताओं की भूमिका और आगामी राजनीतिक चुनौतियों पर चर्चा होगी। इसके अलावा, बैठक में आगामी पंचातयती राज और निकाय चुनावों की तैयारियों पर भी चर्चा होगी। डोटासरा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि राजस्थान में संगठन लगभग तैयार कर लिया गया है। बताया कि दिल्ली में पार्टी हाईकमान के साथ अंतिम रूप दिया जाएगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार, कार्यकर्ताओं की शिकायतों को सुनने और संगठन में नए नेतृत्व को मौका देने पर भी जोर दिया जाएगा।
40% जिलों में जिला अध्यक्ष बदलेंगे
सूत्रों के अनुसार, प्रदेश के केवल 40% जिलों में जिला अध्यक्षों को बदला जाएगा, जबकि शेष जिलों में मौजूदा नेतृत्व को बरकरार रखने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा, राजस्थान में हाल ही में बने आठ नए जिलों में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। इन नियुक्तियों के लिए ऑब्जर्वर जल्द ही अपनी तैयारियां शुरू करेंगे।
डोटासरा और रंधावा ने दिए थे संकेत
इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि हमारा लक्ष्य संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करना है। नए जिला अध्यक्षों का चयन और संगठनात्मक ढांचे में सुधार से पार्टी को आगामी चुनावों में मजबूती मिलेगी। उन्होंने बताया कि बैठक में युवाओं, महिलाओं और स्थानीय नेताओं को अधिक जिम्मेदारी देने पर जोर दिया जाएगा। सुखजिंदर सिंह रंधावा ने हाल ही में जयपुर में हुई बैठक में संगठन की कमजोरियों का आकलन किया था। उनका मानना है कि राजस्थान में कांग्रेस का संगठन पहले से ही सक्रिय और प्रभावी है, इसलिए व्यापक बदलाव के बजाय लक्षित सुधारों पर ध्यान देना जरूरी है।