दरअसल, सांगानेर स्टेशन घनी आबादी और औद्योगिक गतिविधियों के समीप स्थित है। यह लंबे समय से मूलभूत सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा था, जिसके कारण यहां सीमित ट्रेनों का ठहराव होता था। स्थानीय लोगों की मांगों को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने इस स्टेशन को ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत चुना था। पिछले साल इसके विकास कार्य का उद्घाटन भी हुआ था, लेकिन स्टेशन परिसर से गुजर रही बीसलपुर पेयजल पाइपलाइन के कारण काम रुक गया था। इस बाधा को देखते हुए रेलवे ने प्लान को संशोधित कर दोबारा रेलवे बोर्ड को भेजा, जिसे अब मंजूरी मिल गई है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, तैयारी पूरी कर ली गई है और जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा।
यात्रियों के लिए ये सुविधाएं होंगी विकसित
●चार फुल लेंथ प्लेटफॉर्म बनेंगे। ●छह मीटर चौड़ा फुटओवर ब्रिज बनेगा। ●चार लिट, छह एस्केलेटर और छह सीढ़ियां लगेंगी। ●अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम लगाए जाएंगे। ●वॉशेबल एप्रन और ट्रेन वॉशिंग टर्मिनल की सुविधा होगी। ●टू-व्हीलर, फोर-व्हीलर और ऑटो के लिए अलग पार्किंग होगी। ●शानदार वेटिंग रूम, बेहतर टॉयलेट्स और पीने के पानी की सुविधाएं मिलेंगी। ●कोच इंडिकेशन बोर्ड और डिजिटल डिस्प्ले लगाए जाएंगे।
राजस्थान की विरासत भी होगी स्टेशन का हिस्सा
री-डवलपमेंट के बाद सांगानेर स्टेशन राजस्थान की समृद्ध संस्कृति की झलक भी देगा। स्टेशन की इमारत में हैरिटेज थीम पर आधारित साज-सज्जा होगी, जो यात्रियों को आधुनिकता के साथ परंपरा का एहसास भी कराएगी।
नई बिल्डिंग, शानदार प्रवेश द्वार और मिलेगी सुविधाओं की सौगात
●स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार पर भव्य भवन 4000 वर्गमीटर क्षेत्र में बनेगा ●दूसरी ओर, सेकंड एंट्री भी विकसित होगी (720 वर्गमीटर)। हालांकि यहां बीसलपुर पेयजल पाइपलाइन के चलते सुविधाएं सीमित होंगी। ●स्टेशन पर माल परिवहन के लिए पार्सल घर बनेगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस स्टेशन के पुनर्विकास कार्य को दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले स्टेशन का कायाकल्प किया जाएगा और फिर जयपुर-सवाईमाधोपुर रेलखंड पर दोहरीकरण के साथ सांगानेर यार्ड का भी विस्तार किया जाएगा। स्टेशन की मौजूदा तीन लाइनों को बढ़ाकर पांच लाइनें कर दी जाएंगी। इसके साथ ही यात्री सुविधाओं के साथ-साथ ट्रेन संचालन की दक्षता भी बढ़ेगी, जिससे अधिक ट्रेनों का ठहराव और संचालन संभव हो सकेगा।