जयपुर। जैसलमेर में फतेहगढ़ के एसडीएम हनुमानाराम को लेकर एसओजी ने एक और बड़ा खुलासा किया है। एसडीएम हनुमानाराम ने डमी अभ्यर्थी बनकर दो अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा दी थी। दोनों अभ्यर्थी परीक्षा में पास तो हो गए थे, लेकिन साक्षात्कार में रह गए थे। अब एसओजी की टीम दलाल नरपत व हनुमानाराम से आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करेगी। ऐसे में माना जा रहा है कि और भी कई राज खुल सकते है।
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) बुधवार देर रात को फतेहगढ़ से हनुमानाराम को जयपुर मुख्यालय लेकर पहुंची और पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार हनुमानाराम से एसओजी ने पूछताछ की तो उसने चौंकाने खुलासा किया। पूछताछ में हनुमानाराम ने बताया कि उसने एक नहीं दो अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा दी थी।
एटीएस-एसओजी के एडीजी वी.के. सिंह ने बताया कि दलाल नरपत व हनुमानाराम से पूछताछ की गई। तब उन्होंने बताया कि हनुमानाराम ने दो दिन तक डमी अभ्यर्थी बनकर नरपतराम व खुद के दोस्त रामनिवास की जगह भी एसआइ भर्ती परीक्षा दी। रामनिवास व नरपतराम के गांव पास ही हैं और दोनों परिचित हैं। रामनिवास ने खुद की पत्नी की जगह नरपतराम की पत्नी को डमी अभ्यर्थी बनाकर परीक्षा दिलाई थी। तब रामनिवास ने हनुमानाराम को खुद के साथ नरपतराम की जगह भी डमी अभ्यर्थी बनने के लिए तैयार किया। हनुमानाराम ने दोनों की जगह एसआइ भर्ती परीक्षा दी।
अब खुलेंगे कई और राज
एसओजी अब नरपतराम व हनुमानाराम को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करेगी। ऐसे में कई राज खुलने की संभावना है। एसओजी के एएसपी चिंरजीलाल मीना ने गुरुवार को एसडीएम हनुमानाराम को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे एक दिन के रिमांड पर एसओजी को सौंप दिया।
गौरतलब है कि जोधपुर रेंज ने डमी अभ्यर्थी बैठाकर थानेदार बनी हरखू की जगह परीक्षा देने के मामले में इंद्रा को गिरफ्तार किया था। इंद्रा को डमी अभ्यर्थी बनाकर परीक्षा में बैठाने के बदले में उसके पति नरपतराम ने हरखू से 15 लाख रुपए लिए थे। आरोपी नरपतराम को गोवा से पकड़ा गया था।
एसओजी जयपुर मुख्यालय की टीम ने पति-पत्नी से पूछताछ की तो सामने आया कि हनुमानाराम ने नरपतराम को पुलिस से बचने के लिए गोवा भेजा था। उसकी जगह परीक्षा में हनुमानाराम डमी अभ्यर्थी बनकर बैठा था। एसओजी ने इसी मामले में हनुमानाराम को फतेहगढ़ से पकड़ा।