Shiv Mahapuran Katha : जहां शिव विराजमान होते हैं वो शिव तीर्थ कहलाता है:अमिताचार्य
भगवान शिव की भक्त चंपावती तपोस्थली के पास प्राचीन चम्पेश्वर महादेव मंदिर में श्री चम्पेश्वर महादेव धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्री शिवपुराण कथा के सुधा रस महोत्सव के तृतीय दिवस पर व्यासपीठासीन अमिताचार्य ने शिव महापुराण की कथा का विभिन्न प्रसंगों का शैव संप्रदाय के अनुसार पौराणिक उपाख्यानों के द्वारा सारगर्भित अत्यंत प्रमाणिक मूलग्रंथ के अनुसार श्रवण करवाया।
– चाकसू के चम्पेश्वर महादेव मंदिर चल रही है शिवमहापुराण कथा जयपुर-चाकसू। भगवान शिव की भक्त चंपावती तपोस्थली के पास प्राचीन चम्पेश्वर महादेव मंदिर में श्री चम्पेश्वर महादेव धर्मार्थ ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्री शिवपुराण कथा के सुधा रस महोत्सव के तृतीय दिवस पर व्यासपीठासीनअमिताचार्य ने शिव महापुराण की कथा का विभिन्न प्रसंगों का शैव संप्रदाय के अनुसार पौराणिक उपाख्यानों के द्वारा सारगर्भित अत्यंत प्रमाणिकमूलग्रंथ के अनुसार श्रवण करवाया। इसमें विभिन्न शिवलिंग के आकार प्रकार, पूजन विधि,प्रविधि, वैदिक यज्ञ,पार्थिव शिवलिंग मृत्तिका का चयन,शिवलिंग सृजन, भस्म धारण प्रसंग, कामनाओं के अनुसार, काशीवास, काशीपुरी का माहात्म्य , संख्यात्मक शिवलिंग पूजन, शिव नैवेद्य महिमा, कामदेव नारद प्रसंग, नारद मोह, शिव गण शाप उद्धार, नारद ब्रह्मा संवाद, सृष्टि विस्तार प्रसंग, गुणनिधि चरित्र, यमदूत शिवदूत संवाद, कुबेर वृत्तांत,शिव कैलाश गमन इत्यादि कथा प्रसंग श्रवण करवा कर शिव महिमा का मनोहारी उपाख्यान द्वारा समस्त कथा मंडप को शिवमय बना दिया। कथा रस का आस्वादन कराते हुए अमिताचार्य ने कहा की शिव को अंश मात्र अर्पित किया गया पूजन द्रव्य अनन्त रूप से अनंत काल तक प्राप्त होता हैं जहां शिव विराजमान होते हैं वो शिव तीर्थ कहलाता हैं और उसके समीप के जलाशय शिव गंगा का ही स्वरूप होते हैं। शिव सदा थे शिव सदा हैं और शिव सदा रहेंगे इसलिए शिव सदाशिव कहलाते हैं कथा विश्राम पर मुख्य यजमान गोपीनाथ सेवा समिति के अध्यक्ष दिनेश कुमार शर्मा, रामकिशोर सोनी,कैलाश शर्मा,मीठा लाल शर्मा ने भक्ति भाव से ने महाआरती उतारी एवं समस्त कथा श्रोता श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।
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