scriptभांकरोटा अग्निकांड में बढ़ती जा रही मरने वालों की संख्या, फिर घायल ने तोड़ा दम, इतनी हो चुकी मौतें | The number of people dying in Bhankrota fire incident is increasing, another injured person died, so many people have died so far | Patrika News
जयपुर

भांकरोटा अग्निकांड में बढ़ती जा रही मरने वालों की संख्या, फिर घायल ने तोड़ा दम, इतनी हो चुकी मौतें

भांकरोटा में गैस टैंकर अग्निकांड को आज सात दिन हो चुके है।

जयपुरDec 28, 2024 / 11:50 am

Manish Chaturvedi

जयपुर। भांकरोटा में गैस टैंकर अग्निकांड को आज सात दिन हो चुके है। दर्दनाक हादसे के शिकार मरीज अब भी मरते जा रहे है। मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। देर रात झुलसे एक मरीज ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। जिसका एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा था। ऐसे में अब तक इस दर्दनाक हादसे में 20 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा सात मरीज अब भी गंभीर हालात में है। जो जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे है। डॉक्टर्स उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे है। लेकिन एक के बाद एक लगातार मरीज दम तोड़ते जा रहे है।
यह सभी मरीज अस्पताल में दर्द से छटपटा रहे है। इनका शरीर 60 फीसदी से ज्यादा झुलसा हुआ है। इनकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि झुलसे मरीजों के अगले 48 घंटे अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। इन मरीजों की लीवर, किडनी व अन्य आर्गन अब धीरे धीरे प्रभावित हो रहे है। जिससे इन मरीजों की जान खतरे में है। हादसे में झुलसे मरीजों का स्किन ट्रांस्प्लांट किया जा रहा है। फिर भी मरीज लगातार दम तोड़ रहे है।
चार की डीएनए सैंपल से पहचान, एक की नहीं हो सकी

करनी सिंह राठौड़ की उनकी बेटी सुमन राठौड़ के डीएनए सैंपल से पहचान हुई। संजेश यादव की उनके भाई इंदरजीत के सैंपल से पहचान हुई। प्रदीप कुमार की भाई वीरेंद्र के डीएनए सैंपल से उन्हें पहचाना गया। स्लीपर बस के खल्लासी कालूराम की पहचान उनके बच्चों गायत्री और दीपक बैरवा के सैंपल से की गई। ज्ञान सिंह के सैंपल का मिलान किसी से नहीं हो सका।
मृतकों और घायलों के परिवारों में शोक..

इस घटना ने पीड़ित परिवारों को गहरे शोक में डाल दिया है। कई परिवार अब भी अस्पताल के बाहर अपने प्रियजनों की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। बीते दिन तीन घायलों को अस्पताल से छुट्टी दी गई थी, लेकिन अब भी अस्पताल में भर्ती मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है। इस अग्निकांड के बाद अलग-अलग जांच एजेंसिया अपनी रिपोर्ट तैयार करने में जुटी हुई हैं।हादसे के कारणों और जिम्मेदार व्यक्तियों का पता लगाने का काम जारी है। केंद्र और राज्य सरकार मुआवजा दे चुकी हैं।
ऐसे हुआ था दर्दनाक हादसा…

पिछले शुक्रवार को सुबह गैस टैंकर की ट्रक से भिड़ंत हुई। भिड़ंत इतनी तेज थी कि गैस टैंकर के तीनों नोजल टूट गए। अचानक हुई इस टक्कर से गाड़ियां आपस में टकरा कर रुक गईं। जैसे ही लोगों को गैस फैलने का आभास हुआ, सभी अपनी गाड़ियों को स्टार्ट कर फटाफट वहां से निकलने की कोशिश करने लगे। इस बीच गाड़ियों के टकराने, इग्निशन के स्पार्क या सड़क पर गाड़ियों के रगड़ से पैदा हुई चिंगारी से आसपास जमीन से 4 से 5 फुट की ऊंचाई पर हवा में तैर रही गैस में आग लग गयी। जितनी दूरी तक एलपीजी गैस फैली थी, वहां तक पलक झपकते ही आग की लपटें पहुंच गई। गैस के विस्फोट के दायरे में जो कोई भी आया वह बुरी तरह झुलस गया।

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