माधुरी दीक्षित पर बयान देकर फंसे जूली, गहलोत बोले- सभी कलाकार समान होते हैं; बजट को बताया ‘रूटीन की बातें’
IFA 2025 Controversy: बॉलीवुड अभिनेत्री माधुरी दीक्षित को लेकर दिए गए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बयान पर अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रतिक्रिया दी है।
IFA 2025 Controversy: बॉलीवुड अभिनेत्री माधुरी दीक्षित को लेकर दिए गए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के बयान पर अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रतिक्रिया दी है। गहलोत ने कहा कि फिल्मी दुनिया में कोई सीनियर या जूनियर नहीं होता, कलाकार तो कलाकार होता है और सभी का सम्मान किया जाना चाहिए।
अशोक गहलोत अपने आवास पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के भाषण और सदन में नेता प्रतिपक्ष जूली द्वारा उठाए गए सवालों पर भी अपनी राय रखी।
कलाकार का सम्मान जरूरी- गहलोत
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आईफा अवॉर्ड्स पर सवाल उठाते हुए कहा था कि आईफा में शाहरुख खान को छोड़कर कोई भी ए-कैटेगरी का एक्टर नहीं आया। माधुरी दीक्षित भी बी-कैटेगरी की एक्ट्रेस हैं। इस पर अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा फिल्मी दुनिया में कोई छोटा-बड़ा नहीं होता, सब समान होते हैं। कलाकार की कोई श्रेणी नहीं होती, हमें सभी का सम्मान करना चाहिए। मैं हमेशा कलाकारों का सम्मान करता हूं।
‘मुख्यमंत्री की घोषणाओं में दम नहीं’
अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के भाषण पर भी तंज कसा और कहा कि मुख्यमंत्री ढाई घंटे बोले, यह उनकी हिम्मत की दाद देनी होगी। पिछली बार भी वे हो-हल्ले में बोलते रहे थे। लेकिन उनकी घोषणाओं में कोई दम नहीं था, सब रूटीन की बातें थीं।
इस दौरान गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के भाषण की सराहना की और कहा कि जूली ने बहुत शानदार भाषण दिया, वे एक घंटे बोले और सत्ता पक्ष तथा विपक्ष ने ध्यान से उन्हें सुना। लेकिन मुख्यमंत्री उनके उठाए गए सवालों का जवाब नहीं दे पाए।
अशोक गहलोत ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान भी मुख्यमंत्री ढाई घंटे तक बोले, लेकिन विपक्ष की ओर से उठाए गए किसी भी सवाल का ठोस जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री की घोषणाओं में कोई नयापन नहीं था। विपक्ष ने महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए, लेकिन सत्ता पक्ष ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया।
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टीकाराम जूली ने दिया था ये बयान
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा में बीते बुधवार को नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर आईफा आयोजन में अनियमितताओं के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि सरकार इसे बड़ा आयोजन बताने में जुटी है, लेकिन हकीकत यह है कि इसमें शाहरुख खान के अलावा कोई फर्स्ट ग्रेड का कलाकार नहीं आया। साथ ही उन्होंने आईफा आयोजन पर खर्च हुए 100 करोड़ रुपये पर भी सवाल उठाया था।
इस दौरान टीकाराम जूली ने कहा था कि सरकार इसे बड़े फिल्मी सितारों का इवेंट बताकर प्रचार कर रही है, लेकिन हकीकत यह है कि शाहरुख खान के अलावा कोई भी फर्स्ट ग्रेड का कलाकार इसमें शामिल नहीं हुआ। वहीं, जब भाजपा विधायकों ने कहा कि माधुरी दीक्षित भी आईफा में शामिल हुई थीं, तो जूली ने तंज कसते हुए कहा कि माधुरी दीक्षित का दौर अब खत्म हो चुका है। अब वह सेकंड ग्रेड की अभिनेत्री हो चुकी हैं। वह बेटा और दिल फिल्म के समय नंबर वन थीं, लेकिन अब वह फर्स्ट ग्रेड कलाकारों की लिस्ट में नहीं आतीं।